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1-

वर दे  माता शारदे , रचूँ   प्रीति  के छंद l

हो समष्टि की साधना , बढ़े ह्रदय आनंद ll

बढ़े  ह्रदय आनंद , लेखनी  चलती  जाए l

लिखूँ सदा ही सत्य , झूठ से दिल घबराए ll

'अना' बहुत नादान,  शारदे जग की ज्ञाता l

सिर पर रख दे हाथ, आज तू वरदे माता ।।

2-

सत्कर्मों का फल मिला , पाया  मानव रूप l

जीवन पथ पर रख कदम ,देख न छाया धूप ll  

देख न छाया धूप , मैल   मत मन  में रखना l

करना सबसे प्रेम , स्वाद जीवन का चखना ll

जीवन की यह रीति , सार है  सब धर्मों का l

करना ऐसे कर्म , मिले फल  सत्कर्मों  का ll

- अनामिका सिंह 'अना'

मौलिक और अप्रकाशित 

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Comment

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Comment by Anamika singh Ana on March 14, 2018 at 9:16pm

आदरणीय मो़ ़ आरिफ जी , सादर प्रणाम  l

     ओ बी ओ साहित्यिक परिवार में आगमन पर स्वागत व  मेरी प्रथम प्रविष्टि पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका 

Comment by Anamika singh Ana on March 14, 2018 at 9:11pm

आदरणीय हर्ष महाजन जी सादर प्रणाम , समूह में मेरे आगमन पर स्वागत  व प्रथम प्रस्तुति पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका 

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 14, 2018 at 8:43pm

आदरणीया अनामिका सिंह जी सादर,  ओ बी ओ पर  आपका और आपकी प्रथम रचना का स्वागत है. मुझे मित्रता सूचि में जोड़ने के लिए भी आपका शुक्रिया.

वर दे माता शारदे , रचूँ प्रीति के छंद l

हो समष्टि की साधना , बढ़े ह्रदय आनंद ll

बढ़े ह्रदय आनंद , लेखनी चलती जाए l

लिखूँ सदा ही सत्य , झूठ से दिल घबराए ll

'अना' बहुत नादान, शारदे जग की ज्ञाता l

सिर पर रख दे हाथ, आज तू वरदे माता ।।.......माँ शारदे से रचनाओं का निखार देने की प्रार्थना करता शिल्प पर उत्तम          कुण्डलिया छंद रचा है आपने.  दूसरा छंद भी मात्रिक शिल्प पर सुगढ़ है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. आगे भी आपकी सुंदर रचना पढने मिलेंगी ऐसी आशा है.सादर.

Comment by Harash Mahajan on March 14, 2018 at 6:21pm

आदरणीय अनामिका जी आदाब । ओ बी ओ मंच पर आपका तहे दिल स्वागत है । अच्छी रचनाये पेश की हैं । विदा पर गुणीजन अपनी राय देंगे ।

सादर ।

Comment by Mohammed Arif on March 14, 2018 at 6:15pm

आदरणीया अनामिका जी आदाब,

                        मैं पहली बार आपकी की रचना से संवाद कर रहा हूँ । अत: सबसे पहले तो ओबीओ साहित्यिक परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है ।

                      बहुत ही सुंदर और सरल शब्दों में कुंडलिया छंद की रचना की है आपने । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । बाक़ी गुणीजन अपनी राय साझा करेंगे , इंतज़ार करें ।

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