For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - ज़माना खराब है

मफऊल फाइलात मफाईल फाइलुन

हर सू है मारधाड़ ज़माना ख़राब है।
खोलो नहीं किवाड़ ज़माना ख़राब है।

गुन्डों को सीख दे के मुसीबत न मोल लो,
ये देंगे घर उजाड़ ज़माना ख़राब है।

ले दे के अपना काम कराओ किसी तरह
कर लो कोई जुगाड़ ज़माना ख़राब है।

बच्चे भी तंज कसते हैं मुझ पर अदा के साथ,
हँसते हैं दाँत फाड़ ज़माना ख़राब है।

पहले कभी हमारे भी क्या ठाठ बाट थे,
अब झोंकते हैं भाड़ ज़माना खराब है।

अब दो टके में भी न कोई पूछता मुझे,
मैं हो गया कबाड़ ज़माना ख़राब है।

बेशक हो तुम शरीफ मग़र राजनीति ये,
देगी तुम्हें बिगाड़ ज़माना ख़राब है।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 722

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ajay Tiwari on December 3, 2017 at 3:28pm

आदरणीय रामअवध जी,
बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाईयाँ.

'अब दो टके में भी न कोई पूछता मुझे' को अगर ठीक लगे तो 'अब दो टके में कोई मुझे पूछता नहीं' कर सकते हैं.
सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 2, 2017 at 8:08pm

आद० राम अवध जी अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकारे आद० समर भाई जी की बात संज्ञान में लें 

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 1, 2017 at 5:54pm
आदरणीय समर कबीर साहब जी आपके सुझाव के अनसार ग़ज़ल में सुधार करूगा। आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
Comment by Samar kabeer on December 1, 2017 at 5:22pm
जनाब राम अवध जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।
दूसरे शैर के ऊला में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखिये 'मोल लो' ।

'ले दे के अपना काम कराओ किसी तरह'
इस मिसरे में 'कराओ'शब्द मुनासिब नहीं लगता,इसकी जगह 'निकालो'शब्द उचित होगा,देखियेगा ।
Comment by Ramkunwar Choudhary on December 1, 2017 at 9:35am
बहुत सुन्दर रचना आदरणीय
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on November 30, 2017 at 9:52pm
धन्यवाद आदरणीया ग़ज़ल सराहना के लिये।
Comment by रक्षिता सिंह on November 30, 2017 at 9:46pm
आदरणीय,रामअवध जी
बहुत खूब गज़ल है, बधाई स्वीकार करें।
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on November 30, 2017 at 9:45pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी बहुत बहुत धन्यवाद।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 30, 2017 at 7:44pm
आ. भाई रामअवध जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on November 29, 2017 at 12:29pm
आदरणीय मनोज कुमार श्रीवास्तव जी सादर आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service