For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-चनावी दंगलों में स्याह धन की आजमाइश है- कालीपद 'प्रसाद'

काफिया : अन ; रफिफ ; की आजमाइश है

बहर : १२२२  १२२२  १२२२  १२२२

चनावी दंगलों में स्याह धन की आजमाइश है

इसी में रहनुमा के मन वचन की आजमाइश है |

सभी नेता किये दावा कि उनकी टोली’ जीतेगी   

अदालत में अभी तो अभिपतन की आजमाइश है |

खड़े हैं रहनुमा जनता के’ आँगन जोड़कर दो हाथ

चुने किसको, चुनावी अंजुमन की आजमाइश है |

लगे हैं आग भड़काने में’ स्वार्थी लोग दिन रात और

सरल मासूम जनता की सहन की आजमाइश है |

लिया है जन्म इस भारत में’,यह है माँ समान आराध्य

विवेकी कठघरा में हमवतन की आजमाइश है | 

ग़ज़ल नज़्म और वो किस्से लिखे जो भी अभी तक वे

महफ़िल में अब सभी माहिर सुखन की आजमाइश है |

चमनआरा कभी भी कुछ कसर छोड़ा नहीं है फिर

यही कहना सही होगा, चमन की आजमाइश है |

लहंगा और चोली सब हुई है जीर्ण नव युग में

नए युग में स्वदेशी पैरहन की आजमाइश है |

मदारी जिंदगी ‘काली’ नचाई है बहुत त्रय हद

जवानी प्रौढ़ बीते, चौथपन की आजमाइश है |

शब्दार्थ :- चमनआरा=माली
अभिपतन=पूर्ण पतन, पैरहन=वस्त्र      

त्रय हद= तीन भाग [बाल्य काल. यौवन काल

प्रौढ़ काल ] चौथपन= चौथा काल, बुढापा

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 675

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 15, 2017 at 7:42pm

आ समर कबीर साहिब ,आदाब, आपका इन्तिज़ार रहेगा

Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 15, 2017 at 7:40pm

आदरणीय सलीम रज़ा साहिब आदाब , हौला अफ्जाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया

Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 15, 2017 at 7:38pm

आदरणीय सुशील सरना जी हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया | सादर नमन

Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 15, 2017 at 7:36pm

आदरणीय महम्मद आरिफ साहिब हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया | आदाब

Comment by Samar kabeer on November 15, 2017 at 5:41pm
जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें,समय मिलते ही पुनः ग़ज़ल पर आता हूँ ।
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 4:14pm
आ. काली प्रसाद जी,
ग़ज़ल नज़्म और वो किस्से लिखे जो भी अभी तक वे
महफ़िल में अब सभी माहिर सुखन की आजमाइश है |
ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई,
Comment by Sushil Sarna on November 15, 2017 at 1:37pm

आदरणीय कालीपद जी इस शानदार ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by Mohammed Arif on November 15, 2017 at 10:54am
आदरणीय कालीपद प्रसाद जी आदाब, बहुत ही बेहतरीन कटाक्षपूर्ण और सामयिक ग़ज़ल । हर शे'र दर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
10 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
12 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service