For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबी ओ परिवार को समर्पित दीपावली की कुण्डलियाँ

आया फिर से सन्निकट दीप-पर्व अभिराम

बागी की शुभकामना सबके लिए प्रकाम

सबके लिय प्रकाम  हर्ष वैभव हो भारी

अवध पधारे राम  कहें राजेश कुमारी  

कहते है गोपाल चतुर्दिक सौरभ छाया

नभ का तारक–माल उतर धरती पर आया

 

प्राची के मन में भरा है गहरा संताप

शरद--इंदु जी किसलिए है इतने चुपचाप

है इतने चुपचाप निशा तमसावृत काली

दूर् किये सब पाप मना हमने दीवाली  

कहते है गोपाल बात शत-प्रतिशत साची

निज को रही संभाल प्रतीक्षारत है प्राची  

 

माला दीपों की सजी देख रहे गिरिराज

योगराज का भी यहाँ है समवेत समाज

है समवेत समाज अड़े वामनकर भाई  

शिज्जू जी का साज पर्व की है तरुणाई

कहते है गोपाल सभी का ढंग निराला

पूजा का है थाल थाल में जलती ज्वाला  

 

राका गर्वित आज है अद्भुत उसका वेश

देती है दीपावली सबको यह सन्देश

सबको यह सदेश तमस को दूर भगाओ

मिटे सभी के क्लेश भाव कुछ ऐसा लाओ

कहते है गोपाल बहुत है धूम-धडाका

पहने दीपक-माल जागती मावस राका

 

 आती हैं इस पर्व में लक्ष्मी सबके गेह

सुनिए अरुण कुमार जी इसको सहित सनेह

इसको सहित सनेह रमा है सबकी माता

बरसाती धन मेह रंक बन जाता दाता

कहते है गोपाल रत्नगर्भा हो जाती

धरती भी तत्काल दिवाली जब भी आती

 (मौलिक/ अप्रकाशित )

 

 

Views: 834

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on October 19, 2017 at 2:48pm
जनाब गोपाल नारायण जी आदाब,बहुत सुंदर छन्द दीपोत्सव पर,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by SALIM RAZA REWA on October 19, 2017 at 9:36am

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी ,
खूबसूरत रचना के लिए,और दीपावली की बधाई स्वविकार करें।

Comment by Mohammed Arif on October 19, 2017 at 8:22am
आदरणीय गोपाल नारायण जी आदाब, दीपोत्सव के पावन पर्व पर इस प्रभावी पेशकश के लिए हार्दिक बधाई । दीपावली की शुभकामनाएँ ।
Comment by Ajay Tiwari on October 19, 2017 at 8:01am

आदरणीय गोपाल नारायण जी,

दीपोत्सव पर इस सुन्दर छंद प्रस्तुति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं.

सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
8 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service