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लघुकथा - मंत्री जी का कुत्ता

लघुकथा - मंत्री जी का कुत्ता –
कलुआ ने जब से होश संभाला था वह मंत्री जी के ही साथ था।सुबह से रात तक, हर काम का भागीदार होता था।
आज मंत्री जी का दौरा उसी के गाँव में था।बड़ी दुविधा के साथ बरसों बाद गाँव आया था।लगभग सभी लोग उसे भूल चुके थे।मगर उसके बचपन के सखा हरिया ने उसे पहचान लिया।
"अरे कालीचरण भैया आप"?
"हरीराम, तुम पहचान लिये हमका"।
"क्या बात करते हो भैया, हम आपको भूल सकते हैं।आज हम आपकी वजह से जिंदा हैं।बचपन में भेड़िया से भिड़ गये थे, हमको बचाने के लिये"।
हरिया ने कलुआ की तरफ हाथ मिलाने की गरज़ से हाथ बढ़ाया।
"हम किसी से हाथ नहीं मिलाते"।
"भैया, हम आपके बचपन के मित्र हैं।हम तो जरूर मिलायेंगे"।
हरिया ने ज़बरन कलुआ का हाथ थाम लिया।अगले ही क्षण हाथ ऐसे झटका जैसे जलता कोयला हाथ में आगया हो।
"क्या भैया, आप क्या करते हो, आपके हाथ कैसे हो गये हैं"?
"कुछ मत पूछो हरीराम।हम तो मंत्री जी का कुत्ता हूँ।कुछ लोग चमचा भी बोलते हैं।जो मंत्री जी बोलते हैं, सब करते हैं।
"मगर भैया आपके हाथ ऐसे कैसे"?
"मंत्री जी के काले कारनामों का लेखा जोखा सब हम ही को संभालना पड़ता है ना"।
मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by TEJ VEER SINGH on October 12, 2017 at 3:32pm
हार्दिक आभार आदरणीय "रौनक" जी।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 11, 2017 at 5:24pm

"मंत्री जी के काले कारनामों का लेखा जोखा सब हम ही को संभालना पड़ता है ना"। बढ़िया तंज़ | बहुत बढ़िया कथा आदरणीय हार्दिक बधाई आपको |

Comment by TEJ VEER SINGH on October 9, 2017 at 12:42pm
हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 9, 2017 at 12:31pm
हार्दिक आभार आदरणीय शेख उसमानी जी।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 9, 2017 at 12:29pm
हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 9, 2017 at 12:26pm
हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी।
Comment by नाथ सोनांचली on October 9, 2017 at 5:48am
आद0 तेजवीर जी सादर अभिवादन, बेहतरीन कथानक,बढ़िया कटाक्ष। वाकई कोयले के साथ रहने पर हाथ काले होंगे ही। बधाई इस प्रस्तुति पर तेजवीर जी। सादर
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 8, 2017 at 6:48pm
अधीनस्थ के कंधे पर रख कर गोली चलाना या भ्रष्टाचारण उन पर थोपना बड़े लोगों की प्रवृत्ति है। सच उजागर करती बढ़िया प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय तेज वीर सिंह जी।
Comment by Samar kabeer on October 8, 2017 at 5:46pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लगी आपकी लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on October 8, 2017 at 1:41pm
आदरणीय तेजवीर सिंह जी आदाब, बेहतरीन कथानक, अच्छा कथ्य और सायिक कटाक्ष । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

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