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ग़ज़ल
जीवन का मक़सद देखेगी
दुनिया तेरा कद देखेगी

खादी पहने इन गुंडों को
कब तक ये संसद देखेगी

फिरकापरस्ती बदनज़रों से
मस्जिद का गुम्बद देखेगी

सूखी धरती उम्मीदों से
बारिश की आमद देखेगी

तू हो चाहे जितना अच्छा
दुनिया तुझको बद देखेगी

दुनिया तेरी सब यादों को
मुझसे ही बरामद देखेगी

खून जवानों का यूँ बहते
कब तक ये सरहद देखेगी

गाँव अगर जाऊँ तो आँख
फिर सूखा बरगद देखेगी

करने को दीदार'अहद'का
वो मुड़कर शायद देखेगी!


अमित "अहद "
गाँव +पोस्ट -मुजफ्फराबाद
जिला -सहारनपुर
फोन -09675150538

(मौलिक और अप्रकाशित )

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Comment by AMIT on September 27, 2017 at 10:22pm
बहुत बहुत शुक्रिया सर !
Comment by Samar kabeer on September 27, 2017 at 9:41pm
'मुझ से ही बरामद देखेगी'
इस मिसरे में 'बरामद'ग़लत है,सही शब्द है "बरआमद"इसलिये इस मिसरे को यूँ कीजिये बह्र में हो जायेगा :-
'मुझसे बर आमद देखेगी'

'गाँव अगर जाऊँ तो आँख'
इस मिसरे को यूँ कर लें,बह्र में हो जायेगा :-
'गाँव गया तो ये बीनाई'
Comment by AMIT on September 27, 2017 at 9:00pm
सभी का तहेदिल से शुक्रगुजार हूँ !
समर सर जो मिसरे बहर में नहीं हैं प्लीज़ उन्हें बहर में कर दीजिए बहुत मेहरबानी होगी !
Comment by Mahendra Kumar on September 27, 2017 at 8:00pm

अच्छी ग़ज़ल है आ. अमित जी. गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें. बहुत-बहुत बधाई. सादर.

Comment by Hariom Shrivastava on September 27, 2017 at 6:06pm
वाहह,वाहहहह,लाजवाब गजल।सभी अशआर बेहतरीन।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 27, 2017 at 4:45pm

आ. अमित जी,
मंच पर स्वागत है. अच्छी ग़ज़ल हुई है..
समर सर की बातों पर ध्यान दीजियेगा.
सादर

Comment by Ravi Shukla on September 27, 2017 at 2:29pm
आदरणीय अमित साहब वह भी ऊपर आपकी पहली ग़ज़ल से रूबरू हो रहे हैं अच्छी ग़ज़ल कही आपने बरामद वाले मिसरे पर हम ही अटके थे नजर सानी कर लीजिएगा इस पर कृपया मंच पर निरंतरता बनाए रखें
Comment by Samar kabeer on September 27, 2017 at 11:57am
जनाब अमित'अहद'साहिब आदाब,ओबीओ पर आपका स्वागत है,आपको यहाँ देख कर अच्छा लगा ।
ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'मुझसे ही बरामद देखेगी'
ये मिसरा बह्र में नहीं है,देखियेगा ।
'गाँव अगर जाऊँ तो आँख'
ये मिसरा भी बह्र में नहीं है,'आँख'को "आँखें"करने से मिसरा बह्र में हो जायेगा लेकिन सानी मिसरे में रदीफ़ 'देखेगी'की वजह से "आँखें"नहीं कर सकते,एक वचन और बहुवचन का चक्कर है, देखियेगा ।

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