For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यूँ चाँद का नकाब उतारा न कीजिये (ग़ज़ल 'राज')

२२१ २१२१ १२२१ २१२

बह्र-ए-मज़ारअ मुसम्मिन अखरब मकफूफ़

 

यूँ भीड़ में जनाब पुकारा न कीजिये

रुसवा हमें यूँ आप दुबारा न कीजिये

 

बिलकुल खुली किताब है चेहरा ये आपका

हर रोज पढ़ रहे हैं इशारा न कीजिये

 

नाराज हो न जाएँ सितारे औ आसमाँ

यूँ चाँद का नकाब उतारा न कीजिये

 

मौजे मचल रही हैं तुम्हे देख देख कर

गर पाँव चूम लें तो किनारा न कीजिये

 

गुलशन उदास होगा परेशान डालियाँ

यूँ रास्ते गुलों से सँवारा  न कीजिये 

 

अपनी हमें  न फिक्र जमाने की फिक्र है

बेवक्त इन्तजार हमारा न कीजिये

 

गुस्ताख़ दिल कहीं न भुला दे रिवायतें

जज्बात यूँ हमारे उभारा न कीजिये

--मौलिक एवं अप्रकाशित 

 

Views: 972

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 15, 2017 at 9:17pm

आद० डॉ० गोपाल भाई जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई लिखना कामयाब  हुआ  तहे दिल से आभारी हूँ .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 15, 2017 at 9:16pm

आद० नरेन्द्र सिंह जी ,आपका बहुत बहुत शुक्रिया .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 15, 2017 at 8:20pm

आ० दीदी , बहुत ही उम्दा और पुरअसर गजल ,हर शेर  बेहतरीन . सादर .

Comment by narendrasinh chauhan on February 15, 2017 at 2:46pm

खूब सुन्दर रचना 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 14, 2017 at 9:15pm

आदरणीय रवि प्रभाकर जी ,ग़ज़ल पर आपकी शिरकत और दाद का दिल से स्वागत है आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ बहुत बहुत शुक्रिया आपका .

Comment by Ravi Prabhakar on February 14, 2017 at 9:10pm

बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीय राजेश कुमारी जी । एक एक शे'र काबिले तारीफ़। मुबारकबाद स्‍वीकार करें ।

Comment by Ravi Prabhakar on February 14, 2017 at 9:10pm

बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीय राजेश कुमारी जी । एक एक शे'र काबिले तारीफ़। मुबारकबाद स्‍वीकार करें ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 14, 2017 at 5:19pm

आद० बासुदेव अग्रवाल जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपकी उत्साहित करती इस प्रतिक्रिया हेतु तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ सादर .

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on February 14, 2017 at 4:32pm
आ0 राजेश कुमारी जी बहुत ही सुंदर ग़ज़ल। हर अशआर लाजबाब। शेर दर शेर मुबारकवाद कुबूल कीजिए।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 13, 2017 at 7:47pm

आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी ग़ज़ल पर आपकी दाद मिली लिखना सार्थक हुआ तहे दिल से आभारी हूँ .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service