For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भड़की ज्वाला देश में, काप रहे हैं हाथ।
कैसे दीपक अब जले, बिना अमन के नाथ।।

कोई भूखा सो रहा, तन भी पड़ा उघार।
माता जिस्म पिला रही, कोशो दूर बहार।।

धर्म जाति में नर फसा, रचता रोज कुकर्म।
रक्त पिपासा बढ़ रही, बची नही है शर्म।।

फूलों में अब हे सखे!, फीकी पड़ी सुगन्ध।
जनमानस में घुल रही, नित बारूदी गंध।।

गूंज रही हर पल यहाँ, माताओं की चीख।
बिंदिया रोकर कह रही, कब लेंगे हम सीख?

आज मनुजता है दुखी, दानवता मद-चूर।
नित्य क्लेश फैला रहे, आतंकी अतिक्रूर।।

संसद में नेता लड़ें, बाहर खूनी खेल।
मुजरिम को इज्जत मिले, ऐशगाह है जेल।।

राजनीति गंदी हुई, नेता आदमखोर।
श्वेत वसन में ये सभी, रंग बिरंगे चोर।।

हर कोई मिलता यहाँ, पहने हुए नकाब।
किसको अब अच्छा कहें, किसको कहें खराब।।

मनुज-मनुज में प्यार हो, फैले स्नेह अपार।
शील, विनय, संयम बिना, मानव है बेकार।।

वसुधा सकल कुटुंब है, सोच करें साकार।
सिर्फ अमन औ' चैन हो, हर क्षण करें प्रचार।।

आशा औ उत्साह की, किरण बिखेरें आज।
मानवता फूले-फले, सदा रहे ऋतुराज।।

अमन-चैन के लिए अब, हों सब एकाकार।
नेह-दीप घर घर जले, सपने हों साकार।।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 584

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on November 17, 2016 at 2:01pm
आदरणीय अशोक कुमार जी और आद0 राजेश कुमारी जी ह्रदय से आभार आपका

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 16, 2016 at 12:38pm

बहुत शानदार दोहे लिखे हैं सभी एक से बढ़कर एक हार्दिक बधाई लीजिये .हाँ कहीं कहीं टंकण त्रुटी है दूर कर लीजियेगा आद० अशोक जी की बात पर भी गौर करें 

Comment by Ashok Kumar Raktale on November 3, 2016 at 11:25pm

वाह ! सुंदर दोहे रचे हैं आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी. यह अवश्य है की कुछ जगह ध्यान देने की आवश्यकता है. अंतिम दोहे के प्रथम चरण का अंत यगण से हुआ है. देख लें. सादर.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 3, 2016 at 3:23pm

अति सुंदर सार्थक और सामयिक दोहे रचे है | हार्दिक बधाई श्री सुरेन्द्र नाथ सिंह जी 

Comment by नाथ सोनांचली on November 2, 2016 at 3:46pm
आदरणीय रामबली जी और समर कबीर साहब आप दोनों को सादर प्रणाम। रचना पसंद करने के लिए दिल से आभार
Comment by Samar kabeer on November 1, 2016 at 5:44pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,बढ़िया दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by रामबली गुप्ता on November 1, 2016 at 7:37am
सभी दोहे सुंदर एवं शिल्पगत हैं। बधाई स्वीकार करें आद0 सुरेन्द्र नाथ जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service