For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -- हरगिज़ न हमको मूकदर्शक पासबानी चाहिए ( दिनेश कुमार 'दानिश' )

2212--2212--2212--2212

हरगिज़ न हमको मूकदर्शक पासबानी चाहिए
दुश्मन का मुँह जो तोड़ दे अब वो जवानी चाहिए

फ़िरक़ा परस्ती की जड़ों को काटना है गर हमें
लफ़्ज़े-सियासत के लिए उम्दा म'आनी चाहिए

ये क्या कि हम बँटते गए दैरो-हरम के नाम पर
जम्हूरियत जब हो, रेआया भी सयानी चाहिए

उस उम्र में बच्चों के हाथों में यहाँ हथियार हैं
जिस उम्र में ख़ुशियों की उनको मेज़बानी चाहिए

ग़ुरबत अशिक्षा भुखमरी के मुद्दए तो गौण हैं
संसद में चर्चा के लिए ताज़ा कहानी चाहिए

निन्यानवे के फेर में उलझी है सारी ज़ह्नियत
सबको अमीरे-शह्र की कुछ मेहरबानी चाहिए

दानिशवरों के शह्र में है बोल-बाला झूट का
इन मुंसिफ़ों को भी कहाँ अब हक़-बयानी चाहिए

मौलिक व अप्रकाशित
.

Views: 456

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 27, 2016 at 10:14am
आदरणीय दिनेश भाई बहुत ही सुन्दर सटीक और समयानुकूल रचना प्रस्तुत की है आपने । बहुत बहुत बधाई । सादर ।
Comment by Samar kabeer on September 26, 2016 at 11:53pm
जनाब दिनेश कुमार 'दानिश' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।
यह ग़ज़ल कुछ आपके मिज़ाज से हटकर है,ग़ज़ल का पूरा भार क़ाफिये उठाये हुए हैं ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 26, 2016 at 3:38pm

बहुत बढ़िया आ. दिनेश कुमार जी अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by आशीष सिंह ठाकुर 'अकेला' on September 26, 2016 at 2:10pm

आ. जनाब दिनेश कुमार 'दानिश' जी !!!
बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है !!!
सुन्दर प्रस्तुति के लिये दाद और मुबारक़बाद कबूल करें!!!
मुझे ये सब शेर बड़े पसंद आये !!! सादर !!!

ये क्या कि हम बँटते गए दैरो-हरम के नाम पर
जम्हूरियत जब हो, रेआया भी सयानी चाहिए

उस उम्र में बच्चों के हाथों में यहाँ हथियार हैं
जिस उम्र में ख़ुशियों की उनको मेज़बानी चाहिए

ग़ुरबत अशिक्षा भुखमरी के मुद्दए तो गौण हैं
संसद में चर्चा के लिए ताज़ा कहानी चाहिए

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
19 minutes ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
31 minutes ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
58 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
2 hours ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service