For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नव गीत.....
बेला महका.......


बेला महका चम्पा महकी
महकी है कचनार
झूम रहीं सब काकी बहनें
नृृत्य करें हर बार।

गाँव में शादी है होली
फूलों से सजती है डोली
संबन्धी ने भेजा न्योता
गाँव मेरे अब क्यों ना आता
बातों की भर मार।

रात रात भर बेला जागा
खिल न सका वह कहीं अभागा
कहीं गुंथ गया गजरे अन्दर
समझ रहा वह तुझे सिकन्दर
नहीं पा सकी पार।

बचपन बीता यौवन आया
शैतानी ने कदम बढ़ाया
तंत्र मंत्र और जादू टोना
मेज पोश का फटा है कोना
सब कुछ है बेकार|

तितली ने हैं पंख हिलाये
गौरैया ने पांव बढ़ाये
इस टहनी से उस टहनी तक
उस टहनी से इस टहनी तक
दौड़ रही हर बार।

आभा

अप्रकाशित एवं मौलिक 

Views: 770

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abha saxena Doonwi on August 22, 2016 at 10:12pm

आदरणीय  Vijay Nikore sb जी नमस्कार ,आपकी प्रतिक्रिया पा कर मैं बहुत प्रसन्न हूँ शुक्रिया  आपका ...

Comment by vijay nikore on August 22, 2016 at 4:07pm

अति सुन्दर नवगीत। हार्दिक बधाई।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on August 10, 2016 at 5:41pm
बहुत् सुन्दर नवगीत,हार्दिक बधाई आदरणीया आभा जी।
Comment by Samar kabeer on July 24, 2016 at 11:57pm
मोहतरमा आभा जी आदाब,बहुत सुंदर नवगीत रचा है, बधाई स्वीकार करें,बाक़ी ,जनाब रामबली गुप्ता जी बता ही चुके हैं ।
Comment by pratibha pande on July 22, 2016 at 8:00pm

बचपन बीता यौवन आया
शैतानी ने कदम बढ़ाया
तंत्र मंत्र और जादू टोना
मेज पोश का फटा है कोना
सब कुछ है बेकार|.....वाह  क्या अल्हड़ भाव हैं  ...हार्दिक बधाई प्रेषित है आदरणीया  

Comment by Abha saxena Doonwi on July 22, 2016 at 7:05pm

आदरणीय राम बली गुप्ता जी नमस्कार , पहले तो  मैं  आपका धन्यवाद अदा करना चाहती  हूँ कि जो आपने मेरे इस नव गीत को इतने ध्यान से पढ़ा ...आपके  सभी  सुझाव उचित लगे  हैं  मुझे  ....  सुधार कर  लिया है  मैंने ...शुक्रिया  आपका ...

Comment by रामबली गुप्ता on July 22, 2016 at 11:16am
टंकण त्रुटि

*उड़ती बारम्बार*
Comment by रामबली गुप्ता on July 22, 2016 at 11:13am
आदरेया आभा जी बहुत ही सुंदर गीत रचा है आपने। हृदय से बधाई स्वीकारें। कुछेक स्थानों पर मुझे प्रवाह में अटकाव लगा। सुझाव निम्न हैं यदि आपके भावों के अनुकूल लगें तो विचार करियेगा।
1-शायद चम्पा स्त्रीलिंग है अतः प्रथम लाइन को * बेला-जूही-चम्पा महकी* प्रकार करके देखें।
2- *गांव में शादी है होली* लाइन में अटकाव है। *में* मे मात्रा पतन करना पड़ रहा है।
3-बेला स्त्रीलिंग है अतः *जागा* को *जागी* तथा *अभागा* को *अभागी* कर लीजिये।
4-*कहीं गुंथ गया गजरे अंदर* लाइन मे अटकाव है। इसे * कहीं गुँथा गजरे के अन्दर* प्रकार करके देकहिये। इसी प्रकार *तन्त्र-मन्त्र और जादू-टोना* में भी अटकाव है। इसे *तंत्र-मंत्र औ जादू-टोना* करके देखिए।
4-*हर बार* को दो जगह समान अर्थों में तुकांत के लिए प्रयुक्त किया गया है। इससे पुनरुक्ति दोष हो रहा है। अंतिम लाइन में *दौड़ रही हर बार* के स्थान पर उड़ाती बारम्बार* करके देखिए। पुनरुक्ति दोष दूर हो जायेगा।

उपर्युक्त के संदर्भ में अन्य सुधीजन भी विचारें। हो सकता है मैं गलत होवूं।

बाकी सब शुभ-शुभ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service