For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राह हमें उत्कर्ष की, नित दिखला नववर्ष......

दोहा छंद आधारित गीत
================
मन सहिष्णु भटके नहीं,

लेकर भाव अमर्ष

राह हमें उत्कर्ष की, नित दिखला नववर्ष.....

 

झाँक रही दीवार से,

खूंटी ओढ़े  गर्द

साल मुबारक हो नया,

कहता मौसम सर्द

जंत्री नूतन साल की, करती ध्यानाकर्ष

 

लौटें लेकर सुदिन सब,

उत्सव औ त्यौहार

मिलना जुलना हो सहज,

सरल भाव व्यवहार

जाति धर्म के नाम पर, हो न कभी संघर्ष

 

गीत छंद कविता गजल,

ललित कलेवर कांत

करें सृजन हम काव्य नव,

हो भाषा संभ्रांत

शोध सोच नव बिंदु सह, नव  मानक दे  हर्ष


बने मेक इन इंडिया,

जन मन का आधार   

अपना  डिजिटल इंडिया,

हो सपना साकार

प्रगति मंत्र यह हो खरा, मानें सभी सहर्ष

 

निकट बिदाई की घड़ी,

दिखा अनमना साल

यादों की गठरी थमा,

चला फुलाकर गाल

दृश्य शुभग छक के पियें, शाश्वत  नयन सतर्ष

 

-    मौलिक व अप्रकाशित  

Views: 933

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Satyanarayan Singh on January 5, 2016 at 4:10pm

सादर धन्यवाद आदरणीय नीरज जी

Comment by Neeraj Neer on December 28, 2015 at 8:45pm

बहुत उत्कृष्ट लगा मुझे तो .... हर शब्द मानो अर्थपूर्ण और नाप तौल कर रखे गए हों जैसे। बहुत बधाई इस गीत के लिए । 

Comment by Satyanarayan Singh on December 28, 2015 at 4:32pm

आ. सतविंदर जी उत्साहवर्धन एवं बधाई  के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 28, 2015 at 8:32am
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्!बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।बहुत बहुत बधाई आपको।
Comment by Satyanarayan Singh on December 27, 2015 at 9:25pm

आदरणीय आशुतोष जी  उत्साहवर्धन एवं बधाई  के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by Satyanarayan Singh on December 27, 2015 at 9:24pm

आदरणीया प्रतिभा जी उत्साहवर्धन एवं बधाई  के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by Satyanarayan Singh on December 27, 2015 at 9:23pm

आदरणीय सुनील सरना जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by Satyanarayan Singh on December 27, 2015 at 9:23pm

आदरणीय समर कबीर जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 26, 2015 at 7:30pm

aadarneey नव बर्ष के आगमन से पहले ही इतनी शानदार रचना पढने को मिल गयी ..इस रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by pratibha pande on December 26, 2015 at 12:51pm

निकट बिदाई की घड़ी,

दिखा अनमना साल

यादों की गठरी थमा,

चला फुलाकर गाल

दृश्य शुभग छक के पियें, शाश्वत  नयन सतर्ष.......नए वर्ष का सुन्दर अभिनंदन किया है आपने आदरणीय  सत्यनारायण जी ,तहे दिल से बधाई स्वीकार करें इस सुन्दर रचना पर 

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
1 minute ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
36 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service