For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

करीबी रिश्तेदार (लघुकथा)

दीनदयाल की विधवा की दस लाख की लॉटरी खुल गयी!घर रिश्तेदारों से भर गया I छोटा दो कमरों का मकान! मॉ बेटी दो प्राणी, दौनों परेशान!

"अम्मा, ये  लोग कौन हैं,और कब तक रहेंगे"!

"बेटी,ऐसे नहीं बोलते, मेहमान हैं,बधाई देने आये है"!

"मैने तो कभी नहीं देखा इनको"!

"ये  तेरे बापू के करीबी रिश्तेदार हैं"!

"अम्मा,दो महिने पहले जब बापू शांत हुए थे, तब तो कोई नहीं आया था"!

  मंदिर  में भज़न बज रहा था,"सुख के सब साथी, दुख में न कोय"!

.

 मौलिक व अप्रकाशित

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on August 23, 2015 at 10:17am
हार्दिक आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 22, 2015 at 4:50pm

सभी इस सत्य को जानते है  पर धोका भी उठाते हैं

Comment by TEJ VEER SINGH on August 21, 2015 at 1:09pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय जी, सीमा जी, कांता जी, आप लोगों ने मेरा उत्साह बढाया, लघुकथा को सराहा!पुनः आभार!

Comment by kanta roy on August 21, 2015 at 8:57am
वाह ! सुख के सब साथी ...... क्या बात कही है आपने आदरणीय तेजवीर सिंह जी .... बहुत ही उम्दा लघुकथा हुई है । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Seema Singh on August 20, 2015 at 4:28pm
वाह बहुत खूब,जीवन की सचचाई को आईना दिखाती कथा के लिए बहुत बधाई आo तेजवीर जी ।
Comment by vijay nikore on August 20, 2015 at 4:13pm

 अति सुन्दर लघुकथा कही है। हार्दिक बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 20, 2015 at 10:43am

आदरणीय सुशील जी, आदरणीया प्रतिभा जी, आपका हार्दिक आभार!लघुकथा के अवलोकन,सराहना हेतु समय निकाला!पुनः हार्दिक आभार!

Comment by pratibha pande on August 19, 2015 at 10:05pm

कडवी सच्चाई ये ही है रिश्तों की , बधाई इस सार्थक रचना के लिए आपको आ०  तेज वीर सिंह जी

Comment by Sushil Sarna on August 19, 2015 at 4:51pm

यथार्थ को उजागर करती भावपूर्ण लघुकथा की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय। 

Comment by TEJ VEER SINGH on August 19, 2015 at 11:24am

हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी, लघुकथा अवलोकन एवम  सराहना करने हेतु पुनः आभार!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
25 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
26 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
52 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service