For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"क्या कर रहा है i,बार बार साँस तोड़ कर सुर गड़बड़ा रहा है ..ध्यान कहाँ है तेरा ?"

"जी ,वो रात से घरवाली की हालत बहुत खराब है ,..यहाँ से फारिग हो जाऊं ,और पैसे मिल जाएँ तो अस्पताल ले जाऊं "

"मिल जाएंगे पैसे , करोड़ों की इस शादी का इंतजाम लिया है मैंने ,तू अच्छी शहनाई बजाता है खासकर बिदाई की ,इसलिए तुझे पूरे दो हज़ार दे रहा हूँ एक घंटे के  ,बस 10-15 मिनट में  हो जाएगी बिदाई,  चले जाना "I

उसने शहनाई पर होंठ रखे ही थे कि कंधे पर हाथ महसूस किया ,छोटा भाई था .. बदहवास, चेहरा आँसूओं से तर

"दद्दा ..वो भौजाई .."

दुल्हन फूलों से लदी गाड़ी की तरफ बढ़ रही थी

डबडबाई आँखों को उसने जोर से बंद किया ,पूरी ताकत से सांस अन्दर ली और विदाई की धुन छेड़ दी...

 

मौलिक व् अप्रकाशित  

Views: 1183

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Prabhakar on August 20, 2015 at 2:44pm

आदरणीय वन्‍दना जी, आपकी लघुकथा ने आदरणीय श्री दुर्गादत्‍त कपिल जी की लघुकथा 'और धुन रोती रही' का स्‍मरण करवा दिया जिसमें एक बैंड मास्‍टर अपनी पत्‍नी की मृत्‍यु के बावजूद बैंड बजाने जाता है तांकि उसके अंतिम क्रियाक्रर्म पर होने वाले खर्च का प्रबन्‍ध कर सके। इस मार्मिक प्रस्‍तुति हेतु साधूवाद ।

Comment by annapurna bajpai on August 19, 2015 at 7:23pm

मार्मिक लघु कथा 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 19, 2015 at 5:05pm

कला और व्यवसाय के बीच तालमेल बैठाता वह शहनाईवादक मात्र जीवन को पटरी पर लाने जुगत में था. कला उसके लिए शौक नहीं जीने का जरिया है. मार्मिक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ, आदरणीया प्रतिभाजी.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 19, 2015 at 1:30pm

मार्मिक दर्दनाक ...भावपूर्ण और शिल्प युक्त प्रस्तुति आदरणीया प्रतिभा जी! 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 19, 2015 at 10:46am

आ0 प्रतिभा बहन , बहुत ही मार्मिक लघुकथा हुई है l हार्दिक बधाई l

Comment by shashi bansal goyal on August 18, 2015 at 9:57pm
अति मार्मिक भावपूर्ण प्रस्तुति ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 18, 2015 at 8:57pm

उफ्फ्फ ....इस लघु कथा का अंत दिल चीर गया ...शहनाईवादक एक दुल्हन की विदाई पर ही नहीं अपनी पत्नी की विदाई पर मानो पूरे दम से शहनाई बजाने लगा विधि की विडंबना देखिये एक ही वक़्त में एक घर से विदा हो रही थी तो दूसरी  दुनिया से ...:-(

बहुत मार्मिक लघु कथा प्रतिभा जी दिल से बहुत- बहुत बधाई आपको .

Comment by Omprakash Kshatriya on August 18, 2015 at 8:56pm
आ प्रतिभा जी आप ने दो घटनाओं को मार्मिक ढंग से पिरो कर लघुकथा में जान दाल दी । इस लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई आप को ।
Comment by pratibha pande on August 18, 2015 at 7:17pm

आ० तेजवीर सिंह जी ,कथा की सराहना के लिए आपका तहे दिल  से आभार

Comment by pratibha pande on August 18, 2015 at 7:11pm

 आ० मिथिलेश जी ,कथा पर इतनी सार्थक टिपण्णी और उत्साह वर्धन के लिया आपका  हार्दिक आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service