For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन के कमरे में कैद हमारे भाव विचार

बने वाणी के मोती ,कलम की बहती धार

सुवासित हो फ़िज़ा ,पढ़े सुने संसार

बुने सतरंगी सपने,बरसे प्यार की फुहार

डूबे खुश्बुओं में ,सुगन्धित हो बहार

खुशिओं के फूटे झरने ,भीगें बार -बार

मिले जीने की उमंग,सपना हो साकार

भूल सारे गम ,नव अंकुर का आधार

चाहतों की संतुष्टि ,आशीष से सरोबार

खुले परिचय के द्वार ,जुड़ा नया परिवार

धन्य हो गए हम ,दिलों के जुड़े तार

भूल जोड़ बाकी का गणित ,मिला जीने का सार

मिल गया सब कुछ ,अब कैसा व्यापार

बन गया मन खुला आँगन ,बरसे सावन की बौछार

हो गया पवित्र पावन, अंकुरित हो रहे नव विचार .

 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 616

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Mathpal on March 21, 2015 at 7:18pm

Priya Maharshi Tripathi Ji,

Bahut dhanyabad.

Comment by maharshi tripathi on March 20, 2015 at 7:44pm

सुन्दर ,प्रस्तुति ,,हार्दिक बधाई आ.  Shyam Mathpal  जी |

Comment by Shyam Mathpal on March 19, 2015 at 7:04pm

आदरणीय कृष्णा मिश्रा जी,

आपको रचना अच्छी लगी. धन्यवाद.

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 10:11pm

भूल जोड़ बाकी का गणित ,मिला जीने का सार

मिल गया सब कुछ ,अब कैसा व्यापार

बन गया मन खुला आँगन ,बरसे सावन की बौछार

हो गया पवित्र पावन, अंकुरित हो रहे नव विचार .

ये पंक्तियाँ बहुत सुन्दर लगीं! बहुत बहुत बधाईयां आदरणीय shyam mathpal जी!

Comment by Shyam Mathpal on March 18, 2015 at 9:00pm

आ.हरी प्रकाश दुबे जी , आपका स्नेह हमेशा मिलता है.  हृदय से आभार.

Comment by Hari Prakash Dubey on March 18, 2015 at 8:30pm

आदरणीय श्याम मठपाल जी, सुन्दर भाव , सुन्दर  रचना , बधाई आपको ! सादर 

Comment by Shyam Mathpal on March 18, 2015 at 8:21pm

आ.डॉ.विजय शंकर जी,आ.नवीन मणि त्रिपाठी जी ,आ.श्याम नारायण वर्मा जी ,आ.सोमेश कुमार जी व डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी.

आप सब की दुआ व कृपा है. आपको रचना पसंद आई तहे दिल से आभार.

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 18, 2015 at 7:44pm
बहुत ही सुन्दर , बधाई, आदरणीय श्याम मठपाल जी, सादर।
Comment by somesh kumar on March 18, 2015 at 7:05pm

सुंदर भावपूर्ण रचना 

Comment by Shyam Narain Verma on March 18, 2015 at 2:38pm
सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाइयाँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह, हर शेर क्या ही कमाल का कथ्य शाब्दिक कर रहा है, आदरणीय नीलेश भाई. ंअतले ने ही मन मोह…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"कैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास ।  .. क्या-क्यों-कैसे सोच कर, यदि हो…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"  आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, वाह ! उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सभी दोहे सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
11 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service