For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - प्यार दिल का योग है जी !

2 1 2 2 -2 1 2 2

प्यार दिल का योग है जी  !
ये भी* तो इक रोग है जी  !!

आज जिसको प्यार कहते !
जिस्म का बस भोग है जी  !!

जुर्म माना इश्क को कब ! 
ये सदा इक जोग है जी !!

कुंडली* को तुम देख लेना !
उसमे* भी धनयोग है जी  !!

साथ सच्चा मिल गया हो !
तो बड़ा संयोग है जी !!

दर्द सबका ले लिया तो !
ये सही उपयोग है जी !!

जान का जब साथ हो तो  !
तो यही संजोग है जी !!

काम में गर साथ दे हम !
ये मिरा सहयोग है जी !!

(मौलिक एवम अप्रकाशित )

** आलोक **

मथुरा

Views: 747

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Alok Mittal on January 17, 2015 at 3:56pm

आ. मिथिलेश वामनकर जी....दिल से आपका आभार

Comment by Alok Mittal on January 17, 2015 at 3:56pm

आ. डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी....बेहद शुक्रिया आपका

Comment by Alok Mittal on January 17, 2015 at 3:56pm

आ. Hari Prakash Dubey जी....बहुत बहुत शुक्रिया आपका

Comment by Alok Mittal on January 17, 2015 at 3:55pm

आ. ram shiromani pathak जी....दिल से आभार आपका

Comment by umesh katara on January 6, 2015 at 10:36pm

वाहहहहह अच्छी गजल साहब

Comment by gumnaam pithoragarhi on January 6, 2015 at 6:58pm

बढ़िया ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाइयाँ. ..  

Comment by Alok Mittal on January 6, 2015 at 1:35pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी...आपका दिल से आभार

Comment by khursheed khairadi on January 6, 2015 at 11:23am

आज जिसको प्यार कहते !
जिस्म का बस भोग है जी  !!

आदरणीय आलोक मित्तल साहब खुबसूरत ग़ज़ल हुई है |सादर अभिनन्दन |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 5, 2015 at 8:15pm

बढ़िया और सुन्दर प्रस्तुति  के लिए हार्दिक बधाइयाँ. ..

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 5, 2015 at 7:44pm

सुन्दर प्रयास

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Monday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Jul 3

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service