For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बर्फीली आंधी और पिस्तौल का निशाना

जग को मोहित करने वाला

स्वयं मोहित हो गया है

उसी माया पर  

जिसको रचा था

स्वयं उसी ने

इस जग को मोहने के लिए

उस पर अतिव्यापित

हो गयें हैं अनर्गल प्रलाप

प्रपंचों मैं फंसकर

वह स्वयं मनुष्य बन गया है

उस रंगमंच पर उतर गया है

जिसका अंत हमेशा होता है

परदे का गिर जाना

और किसी व्यक्तित्व का

पात्रों की भीड़ में खो जाना

वह अब मंच पर नाच रहा है

लोगों को हंसा रहा है

कभी रुला रहा है

प्रसिद्धि का नशा

पीते जा रहा है

वह नहीं जानता

इस नशे को पीते-पीते

एक दिन वह

बर्फीली आंधी में खो जाएगा

या फिर किसी की

पिस्तौल का निशाना बन जाएगा !! 

("मौलिक व अप्रकाशित")

Views: 445

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on November 12, 2014 at 8:48pm

आपका हार्दिक आभार, आदरणीय श्री डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी,श्री राम शिरोमणि पाठक जी ,श्री  जितेन्द्र पस्टारिया जी, श्री योगराज प्रभाकर जी  एवं श्री श्याम नारायण वर्मा जी । अभी इस मंच पर नया हूँ समय पर  प्रतिक्रिया भी नहीं दे पा रहा हूँ पर आप लोगों के सहयोग से सीख रहा हूँ ।आपका हार्दिक आभार ।

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 2:06pm

वाह आदरणीय  बहुत ही सुन्दर भावाभिव्यक्ति  //हार्दिक बधाई आपको 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2014 at 12:15pm
सुन्दर अभिव्यक्ति आ० हरी प्रकाश दुबे जी।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 7, 2014 at 10:40am

सार्थक प्रस्तुति. बहुत-बहुत बधाई आदरणीय हरिप्रकाश जी

Comment by Shyam Narain Verma on November 7, 2014 at 10:29am

" अच्छी प्रस्तुति आदरणीय ,बधाई ................. "

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 6, 2014 at 2:37pm

बहुत मार्मिक i कविता  का अन्त मुखर  सन्देश देता है इआपको  बधाई मित्र i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"वैशाख अप्रैल में आता है उसके बाद ज्येष्ठ या जेठ का महीना जो और भी गर्म होता है  पहले …"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"सहृदय शुक्रिया आ ग़ज़ल और बेहतर करने में योगदान देने के लिए आ कुछ सुधार किये हैं गौर फ़रमाएं- मेरी…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई जयनित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service