For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रगति आत्मबल से होती है --डा० विजय शंकर

सड़क आने जाने के लिए है ,
आवागमन को गति देने के लिए है
गढ्ढे प्रक्रिया की नैसर्गिक देन हैं ,
गत्यावरोध गति नियंत्रण का विधान है ,
व्यवधान ही प्रगति का सही समाधान है ॥

इंटरनेट , विश्व व्यापी सम्पर्क सूत्र है ,
दुनिया को कंप्यूटर के माध्यम से
पल भर में जोड़ देता है , युग की देन है ,
हमारा संपर्क सूत्र प्रायः टूटा रहता है ,
क्यों , यही तो हमारे लिए शोध का विषय है ,
नेटवाला बताएगा, फोन लाइन चेक कराओ ,
फोन वाला कहेगा , नेट चेक कराओ ,
दोनों साथ हों तो कहेंगें ,कम्प्यूटर चेक कराओ ,
वो तो अभी अभी नया ही लिया है , भइया,
ऊपर से नहीं आ रहा होगा ,हम क्या करें ,
नेट में ये ऊपरवाला कौन आ गया ,
उसकी पूजा करें तो नेट आ जाएगा ॥

बिजली है , शक्ति है, पॉवर है ,
मानव जीवन में बड़ी पॉवरफुल सहायक है ,
आती है , जाती है , अपनी मर्जी दर्शाती है,
शाम पांच मिनट में छे -छे बार आती जाती है
सारे विद्युत उपकरणों से खेलती जाती है ||
पर हम, हम प्रगति पर हैं , हम प्रगति पर हैं .
लिंक टूटा रहता है , मार्ग रूठा रहता है ,
पॉवर है, पर कट , होता रहता है ,
पर ,हम प्रगति पर हैं,
हम प्रगति पर हैं
क्योंकि उड़ान हौसलों से होती है ,
प्रगति किसी और चीज़ से नहीं ,
आत्मबल से होती है ,
आत्मबल से होती है ॥
और हम प्रगति पर हैं ||

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 476

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 1, 2014 at 8:25pm
धन्यवाद आदरणीय गिरिराज भंडारी जी .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 1, 2014 at 3:55pm
लाजवाब सामयिक व्यंग्य , आदरणीय विजय भाई , इस रचना के लिए हार्दिक बधाई |
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 27, 2014 at 11:22am
प्रिय जीतेन्द्र जी , आपको रचना अच्छी लगी , जानकर प्रसन्नता हुई , बधाई के लिए धन्यवाद .
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 27, 2014 at 10:37am

सामयिक समस्या को लेकर आपने अपनी अनुभवी स्याही से एक ओर रचना लिख डाली, बड़ा अच्छा लगता है आपकी रचनाओं को पढ़कर. बहुत-२ बधाई आपको आदरणीय डा. विजय जी

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 26, 2014 at 7:33pm
आदरणीय राजेश कुमारी जी, आपको रचना पसंद आई , आभार. बधाई के लिए धन्यवाद .
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 26, 2014 at 7:30pm
आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी, आपको रचना पसंद आई , आभार. हालत ये हैं कि उन पर कुछ भी बोलिए , व्यंग ही बनेगा. प्रशस्ति के लिए धन्यवाद .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 26, 2014 at 6:56pm

अच्छी व्यंगात्मक प्रस्तुति ...बधाई आपको 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 26, 2014 at 5:26pm

वाह ! डा0 साहिब

आपके व्यंग्य लेखन के क्या कहने  ? बहुत सुन्दर i मर्मस्पर्शी i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
6 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service