For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज अचानक बेटा अपने बीबी बच्चों सहित गांव पंहुचा तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा । कहाँ तो बुलाने पे भी कोई न कोई बहाना बना देता था और अगर आया भी तो अकेला और उसी दिन वापस ।

" दादा , दादी के पैर छुओ बच्चों" , और बहू ने भी झुक के पैर छुए दोनों के । फिर बहू ने लाड़ दिखाते हुए कहा " क्या बाबूजी , आप कितने दुबले हो गए हैं , लगता है माँ आपका ध्यान नहीं रख पाती , अब आप लोग हमारे साथ ही चल कर रहिये" ।

"हाँ , हाँ , क्यों नहीं , बिलकुल अब आप लोग चलिए हमारे साथ , क्या रखा है अब यहाँ" , बेटा भी कहने लगा और माँ के पास बैठ गया ।

ये क्या हो गया है इनको , इतना परिवर्तन कैसे हो गया , समझ नहीं पा रहे थे बाबूजी कि अचानक अख़बार की खबर का ध्यान आ गया । उसके गाँव के बगल से बाईपास निकल रहा था और अब वहाँ की जमीनों के दाम कई गुना बढ़ गए थे ।  

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 466

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on August 1, 2014 at 9:32pm

आभार सौरभजी | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 1, 2014 at 5:54pm

यह लघुकथा चुभती हुई मगर एक सच्चाई है. यह सच्चई जाने कितने गाँवों में कितने ही रूपों घटी है, या घटती रही है.

आपकी पारखी दृष्टि के लिए हृदय से शुभकामनाएँ.  कथा वस्तुतः सोचने को मज़बूर देती है. शुभ-शुभ

Comment by विनय कुमार on July 29, 2014 at 5:20pm

आभार आमोद कुमारजी एवम शुभ्रांशु पाण्डेयजी..

Comment by Shubhranshu Pandey on July 29, 2014 at 10:31am

आदरणीय विनय जी, 

गांव की जमीन आज फ़िर बुला रही है लेकिन आने का उद्देश्य बदल गया है..सुन्दर कथा.

सादर.

Comment by Amod Kumar Srivastava on July 29, 2014 at 8:30am

एक पुराने बरगद की जिसकी सभी टहनियाँ लोग काट काट के ले गए ... और जो सबको अपनी छांव से सहारा देता था ... उसके ताने को भी काटने को आतुर .... उस बूढ़े बरगद की  व्यथा को दर्शाने के लिए बधाई स्वीकार करें ... सादर ... 

Comment by विनय कुमार on July 28, 2014 at 6:42pm

आभार डॉ विजय शंकरजी एवम डॉ आशुतोष मिश्रजी..

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 28, 2014 at 4:45pm

कलियुगी दास्तान का बखूबी चित्रण किया है आपने ..सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 28, 2014 at 2:32pm
चलो बाईपास से ही सही , सही रास्ता तो नज़र आया और माँ बाप का ख्याल आया।
अच्छा है , बधाई।
Comment by विनय कुमार on July 28, 2014 at 1:06pm

आभार डॉ गोपाल नारायणजी..

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 28, 2014 at 11:15am

वही शाश्वत व्यथा  i नए अंदाज में  i

क्या कभी मानसिकता बदलेगी i ---- सादर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service