For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 "  सच!  बहुत ही अच्छे इंसान थे  बल्लू भैया !!    क्षेत्रीय बैंक के अध्यक्ष पद पर  होते हुए उन्होंने सभी की बहुत मदद की , जो कोई भी पहचान वाला आकर अपनी समस्या बतलाता , उसे  कैसे न कैसे बैंक से आर्थिक मदद  दिलवा ही देते थे.  आज कई लोग तो उन्हीं की वजह से आबाद हुए बैठे है"

 

" हाँ भाई..!  उनकी माँ के  मर जाने के बाद आज उनका  अपना कोई भी तो नहीं.  देखा न !  पिछले वर्ष जब उनकी माँ की मृत्यु हुई थी तो बल्लू भैया के साथ-साथ सैकड़ों लोग सिर मुंडवाने को आगे आ गये और कहने लगे कि यह हम सबकी भी माँ थी,  लेकिन आज बल्लू भैया की मृत्यु पर ......."

 

   जितेन्द्र 'गीत'

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 972

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 7, 2014 at 10:46pm

आपका ह्रदय से आभार आदरणीय श्याम नारायण जी, स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 7, 2014 at 10:45pm

वर्तमान में हर इंसान अवसरवादी हो चूका है , इंसानियत तो ढूंढे से नही मिलती. रचना पर आपकी उपस्थिति से बड़ी प्रसन्नता हुई आदरणीय भुवन जी, स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 7, 2014 at 10:39pm

आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 7, 2014 at 10:38pm

स्नेही गीत जी 

सादर 

ये ही जीवन का सत्य है जिसे बखूबी आपने कथा के माध्यम से चित्रित किया. वाह रे दुनिया. 

बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 7, 2014 at 9:05pm

मैं क्या कहूँ भाई जितेन्द्र जी इस कथा के भाव पर निःशब्द हूँ

Comment by coontee mukerji on May 7, 2014 at 5:59pm

क्योंकि वह उसकी माँ थी.....अच्छी रचना है.. हार्दिक बधाई.

Comment by savitamishra on May 7, 2014 at 4:49pm

बहुत सुन्दर ......इंसानियत बस स्वार्थ में जागती है

Comment by Shyam Narain Verma on May 7, 2014 at 3:11pm
बहुत बढ़िया कहानी , हार्दिक बधाई आपको
Comment by भुवन निस्तेज on May 7, 2014 at 1:36pm

इंसानियत चेहरा किस हद तक बदसूरत हो सकता है ये लघुकथा यह बताने में सक्षम है..

आदरणीय जीतेंद्र 'गीत' बहुत खूब....

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 7, 2014 at 12:16pm

नाम है लघुकथा पर लिए है बड़ी व्यथा.....हार्दिक बधाई इस लघुकथा के लिए आदरणीय भाई जितेंद्रा जी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service