For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐसी ही होती है - माँ (तीन पंक्तियाँ)

मेरी मृत्यु नहीं हुई थी,

इसलिए बिछड़ी नहीं

हमेशा के लिए |

उसने मुझे रहने को

दे दिया बड़ा सा वृद्धाश्रम

कई लोगों के साथ में

कई सालों के लिए

घर से बस थोड़ी सी दूर|

जो रहा था

बस नौ महीने

अकेला

मेरी छोटी सी कोख में |

** मौलिक और अप्रकाशित

 

Views: 664

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on April 28, 2014 at 1:00pm

आदरणीय डॉ. प्राची सिंह जी

आपका हृदय से आभार|


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 19, 2014 at 6:47pm

अपनी माँ को बेमौत मार देना... क्या यही नहीं होता ?

सुन्दर मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति 

हार्दिक बधाई 

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on April 15, 2014 at 1:29pm

आपका कोटिशः धन्यवाद आदरणीय वंदना जी तथा आदरणीय लक्ष्मण जी|

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 14, 2014 at 9:30am

भाई चन्द्रश जी , प्रशंसा के लिए शब्दों का चयन कठिन है , बस कोटि कोटि बधाई .

Comment by Vindu Babu on April 12, 2014 at 7:45pm

ओह!

इतना 

मार्मिक व्यंग आदरणीय!

कोख में अकेला रखा तो वृद्धाश्रम में कई लोगों के साथ रहने का अवसर दिया ...अहसान किया।

हे प्रभु! क्या होगा इस समाज का।

हार्दिक शुभकानाएं आदरणीय चन्द्रेश जी,आपकी रचना ने भावुक कर दिया।

सादर

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on April 12, 2014 at 11:18am

आप सभी आदरणीय जनों को इस रचना और मुझे आशीर्वाद देकर कृतार्थ करने के लिए हृदय से नमन करता हूँ| 

Comment by कल्पना रामानी on April 11, 2014 at 7:47pm

उच्चकोटि  की  भावपूर्ण मार्मिक रचना के लिए आपको बहुत बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 11, 2014 at 4:02pm

बहुत ही मार्मिक है

Comment by Meena Pathak on April 11, 2014 at 2:07pm

उफ्फ्फ .... बहुत मार्मिक 

Comment by Shyam Narain Verma on April 11, 2014 at 10:59am
अच्छी प्रस्तुति आदरणीय ,बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
15 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
18 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
18 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
18 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
18 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service