For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल.....जमाना धूल-गर्दिश का-

गजल.....जमाना धूल-गर्दिश का

बह्र - 1222, 1222, 1222, 1222

इशारों ही इशारों में, इशारे कर रहे हैं हम।

तरफदारी हमारी तो, हजारों मर रहे हैं हम।।

उदारी नीति पावन पर, दिशा हर बार संहारी,
गरीबी भेड़ जैसी बस, कुॅंओं को भर रहे हैं हम।।1

भिड़े हैं शेर-हाथी गर, शिवा-राणा लड़े गॉंधी,

हमें भी देखिये साहब, गधों से डर रहे हैं हम।2

कहानी जब सुनाते हैं, हमें तो नींद आती है,

उड़ा कर यान मंगल तक, पतन को वर रहे हैं हम।3

निकाले दॉंंत हाथी के, चलाये तीर-अंकुश भी,

कठिन है दुर्दशा कहना, सड़क पर मर रहे हैं हम।4

न जंगल है, न पानी है, बने हैं आशियां ऊँचें,

उड़े पंछी जहॉं चाहें, महज पत्थर रहे हैं हम।5

रहे तन खुश वरण माया, सफलता चूमती नभ को,

छिपा कर घूस काला धन, तरक्की कर रहे हैं हम।।6

नसीहत क्या करें 'सत्यम', जमाना धूल-गर्दिश का,

हवा का रूख जिधर को हो, उधर ही क्षर रहे हैं हम।।7

के0पी0सत्यम/मौलिक और अप्रकाशित

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 27, 2014 at 11:41am

आ0 बिन्दू बाबू भाईजी, गीतिका जी, रामानी दी'जी तथा विजय निकोर सर जी, आप सभी का बहुत-बहुत शुकिया, आभार सहित। सादर,

Comment by Vindu Babu on April 8, 2014 at 9:49am
सुन्दर गज़ल हुई है आदरणीय केवल जी.
आपको हार्दिक बधाई.
सादर
Comment by वेदिका on April 5, 2014 at 4:59pm
भिड़े हैं शेर-हाथी गर, शिवा-राणा लड़े गॉंधी,
हमें भी देखिये साहब, गधों से डर रहे हैं हम।2
क्या खूब शेअर..... बधाई आ0 केवल भाई जी
Comment by vijay nikore on April 5, 2014 at 11:41am

इस अच्छी गज़ल के लिए आपको बधाई।

Comment by कल्पना रामानी on April 3, 2014 at 10:22pm

इस शानदार गज़ल के लिए ढेरों बधाइयाँ स्वीकार कीजिये आदरणीय केवलप्रसाद जी

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 3, 2014 at 7:34pm

आ0  धामी भाई जी, सादर प्रणाम!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 3, 2014 at 7:34pm

आ0  वैद्यनाथ भाई जी, सादर प्रणाम!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 3, 2014 at 7:33pm

आ0  शिज्जू  भाई जी, सादर प्रणाम!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 3, 2014 at 7:33pm

आ0 भण्डारी  भाई जी, सादर प्रणाम!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 3, 2014 at 6:27pm

आदरणीय सत्यम भाई जी , बहुत बेहतरीन ग़ज़ल कही है , दिली बधाइ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
11 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service