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खुटे की गाय और प्रजातंत्र

वैसे तो
खुटे से बंधी चरती गाय
और प्रजातंत्र में
कोई समानता नहीं दिखती ॥
मगर
थोडा गौर फरमायें
तीन महत्वपूर्ण बिंदु ....
खूंटा , गाय और रस्सी ॥

खूंटा मतलब संबिधान
अपनी जगह स्थिर
गाय मतलब नेता
चारों ओर चरने वाला
और रस्सी यानी वोटर


इस रस्सी को जब चाहो
तोड़ दो , मोड़ दो , काट दो
है ना समानता ॥

क्या हम सब रस्सी
आपस में मिलकर .....
गाय को नियंत्रित नहीं कर सकते ॥

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प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 8, 2010 at 10:39am
संविधान, नेता और मतदाता को गाय, खूंटा और रस्सी कि बहुत सुंदर तशबीह देकर आपने बहुत बड़ी बात कह दी और वो भी इतने कम शब्दों में ! आपकी कविता से प्यार होने लगा है मुझे बबन भाई - जीते रहिये !
Comment by Rash Bihari Ravi on June 3, 2010 at 2:50pm
bahut khub gay ko nathane ke sang ghan(paw badhna ) de to aur achchha ,

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on June 2, 2010 at 11:50pm
बहुत सुन्दर!!!!!!!!बब्बन भैया एक बात और जब गाय का दूध दुहना हो, और गाय मरकही हो तो वही रस्सी उसके पैर में बांधी जाती है. अब ये सोचिये के कौन सी गाय मरकही है!!!!!!!तो रस्सी से उसका पैर बांध दीजिये और दूध दुह लीजिये.
Comment by Admin on June 2, 2010 at 2:18pm
वैसे तो
खुटे से बंधी चरती गाय
और प्रजातंत्र में
कोई समानता नहीं दिखती ॥
मगर
थोडा गौर फरमायें
तीन महत्वपूर्ण बिंदु ....
खूंटा , गाय और रस्सी ॥

बबन पाण्डेय जी, बहुत ही ससक्त कविता है ये, काश ये रस्सी अपने ताकत को समझ जाती, और गाय के हाथो खेलने से बच जाती, बहुत ही उम्द्दा और आँख खोलने वाली रचना है ये आपका,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 1, 2010 at 11:28pm
क्या हम सब रस्सी
आपस में मिलकर .....
गाय को नियंत्रित नहीं कर सकते ॥
बबन भाई, सब रस्सी यदि मिल जाय तो गाय और खुटा दोनो को नियंत्रित कर सकते है, और गाय के मूह पर भी जाब लगा सकते है ताकि वो चारा ज़रूरत से ज़्यादा ना खाये पर बीडम्बना ये है की ये रसी ही ईतनी कमजोर हो गई है की वो गाय को बाधे रखने मे असमर्थ हो गई है और गाय खुला साढ़ जैसे ईधर उधर चर रही है,
बहुत बढ़िया कविता लिखे है आप, काफ़ी अच्छा उपमा दिये है, बहुत बढ़िया,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 1, 2010 at 9:17pm
खूंटा मतलब संबिधान
अपनी जगह स्थिर
गाय मतलब नेता
चारों ओर चरने वाला
और रस्सी यानी वोटर
bahut hi badhiya aur sachai ko dikhati hui hai ye rachna......
bahut bahut dhanyabaad yahan humlogo ke beech post karne ke liye...

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