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आओ, एक पुल बनाएं

पुल .....
अर्थात ...मिलन
दो गांवों का /दो देशों का
और
नदियों को लांघने का एक संरचना ॥

रिश्तों का पुल बनता है
जब दो परिवार
शादी के बंधन में बंधते है ।

कुछ दिनों पहले पढ़ा था
एक तलाक शुदा दंपत्ति के
१२ वर्षीय पुत्र ने
माता -पिता के दिलो को जोड़ा
पुल बनकर ॥


प्रजातंत्र में भी
पुल बनाया जाता है
नेताओ और वोटरों के बीच
भाषणों का / आश्वासनों का
जो तुरंत ही ढह जाता है ॥

दरअसल .....
पुरे समाज की बुनियाद
पुल पर ही टिकी है ॥

आइए......
हम सब मिलकर एक पुल बनाएं
कंक्रीट पुल के इतर (उलट )
विस्वास की सीमेंट
मित्रता की ईट
संवेदना के गारे
और सहिस्नुता की बांस - बल्लियों से ....

मगर याद रखना, मेरे दोस्त
यह पुल
नदी में बाढ़ आने से नहीं
बल्कि ...
अविश्वास और आपसी नासमझी के
हल्के झोकों से भी
बिखर जाएगा ॥

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Comment

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प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 7, 2010 at 7:56pm
वाह बबन भाई क्या बात कही है, बहुत ही सुंदर कविता है ! सच कहा आपने आज के इस युग में दिलों कि देशों कि और उंच नीच कि खायी को पाटने के लिए ऐसे ही पुलों की ज़रुरत है !

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 6, 2010 at 2:58pm
Bahut sunder kavita aur bahut sunder vichar hain Baban Bhai, aj zaroorat hai ki hum dilon ki deewaren mitaney ke liye aisey hi pulon ka nirmaan karen. Is sunder rachna ke liye meri badhayi sweekar keejiye
Comment by baban pandey on June 6, 2010 at 1:46pm
धन्यवाद बागी भाई ,....सामाजिक सरोकार वाले विषयों पर लिखना अच्चा लगता है ....शायद समाज का कुछ भला हो सके .

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 6, 2010 at 1:35pm
आइए......
हम सब मिलकर एक पुल बनाएं
कंक्रीट पुल के इतर (उलट )
विस्वास की सीमेंट
मित्रता की ईट
संवेदना के गारे
और सहिष्णुता की बांस - बल्लियों से ....

बहुत ही उम्द्दा और नेक ख्यालो से लबरेज है ये कविता, कोई भी पूल के लिये उसका नीव तो मजबूत होना ही चाहिये, यदि नीव मजबूत ना हो तो पूल गया काम से, नेताओ द्वारा बनाया गया पूल की नीव अक्सर ही कमजोर रहता है जिसके कारण वो पूल कभी भी भरभरा कर धराशाई हो जाता है, दोस्ती की पूल मे तो नीव मजबूत होने के लिये बिश्वाश की मिटी होनी ही चाहिये जिसपर नीव रखी जाती है, बहुत ही बढ़िया रचना है बबन भाई, धन्यबाद ,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 6, 2010 at 12:17pm
कुछ दिनों पहले पढ़ा था
एक तलाक शुदा दंपत्ति के
१२ वर्षीय पुत्र ने
माता -पिता के दिलो को जोड़ा
पुल बनकर ॥
bahut hi badhiya rachna hai baban jee......dhanyabaad

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