For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - मुझे बेजान सा पुतला बनाना चाहता है

१२२२   १२२२     १२२२    १२२

मुझे बेजान सा पुतला बनाना चाहता है

किसी शोकेस में रखकर सजाना चाहता है

 

मेरे जज्बात सब उसको खिलौने जान पड़ते

जिन्हें वो खुद की चाभी से चलाना चाहता है

 

कुतर डाले मेरे जब हौंसलों के पंख उसने

बुलंदी आसमां की अब दिखाना चाहता है

 

मेरे किरदार में सख्ती नहीं उसको गंवारा

बिना हड्डी का कर मुझको पचाना चाहता है

 

दिवारें चार मेरी हो गईं हैं कब्रगाहें

मुझे जिन्दा ही वो मुर्दा बनाना चाहता है

.

संजू शब्दिता  मौलिक व अप्रकाशित

Views: 864

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on January 14, 2014 at 10:15pm

बहुत सुंदर ग़ज़ल रचना संजू जी   // हार्दिक बधाई आपको 

Comment by sarika choudhary on January 14, 2014 at 1:43pm

wowwwwwwww...........

it`s amazing........

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 14, 2014 at 8:14am

मेरे किरदार में सख्ती नहीं उसको गंवारा

बिना हड्डी का कर मुझको पचाना चाहता है............बहुत कमाल का शेर

बेहतरीन गजल हुयी , बधाई आदरणीया संजू जी

 

Comment by Anurag Singh "rishi" on January 14, 2014 at 12:16am

वाह बेहद उम्दा हर्फ़ हर्फ आक्रोश में तपा सा लगता है लाजवाब सार्थक ग़ज़ल हेतु बधाई
सादर

Comment by MAHIMA SHREE on January 13, 2014 at 10:05pm

आदरणीया संजू जी .. क्या  कहूँ ...बहुत बढ़िया .. वर्षो से दबी  , कुचली गयी भावनाओं को आपने जबदरस्त आवाज दी है .. हर शेर बुलंद होकर  चुनौती दे रहें हैं .. हार्दिक बधाईयाँ

Comment by sanju shabdita on January 13, 2014 at 1:31pm

आप सभी सुधीजनों का रचना अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार

Comment by gumnaam pithoragarhi on January 12, 2014 at 8:30pm

खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 12, 2014 at 6:30pm

आदरणीया संजू जी , बहुत खूबसूरत गज़ल कही है , हर शे र नायाब हैं आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥ 

दीवारें 222  को दिवारें  122  करना कितना सही है मै कह नही सकता , गुणीजनो की सलाह का इंतिज़ार रहेगा ॥

Comment by Ajay Agyat on January 12, 2014 at 5:27pm

उत्तम...

Comment by Abhinav Arun on January 12, 2014 at 8:02am

भावनाएं ग़ज़ल में बखूबी मुखरित हुई हैं उम्दा ग़ज़ल  के लिए दिली मुबारकबाद मोहतरमा !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service