For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौत की रात मेरी रूह भी रो जायेगी

२१२२       १२१२       १२२      २२२

रोज आदत जो तुमसे मिल ने की हो जायेगी 

मौत की रात मेरी रूह भी रो जायेगी 

आखिरी पल क़ज़ा जो सामने होगी मेरे 

जिन्दगी इक हसीन  ख्वाब में खो जायेगी 

आज साकी बनी ग़ज़ल खडी है महफ़िल में 

रिंद जब देंगे मशविरा  सँवर  वो  जायेगी 

हार उल्फत का देख मौत होगी शर्मिंदा 

मौत खुद जिन्दगी ही हार में पो जायेगी 

बात गुल से हसीं हो खार सी कड़वी चाहे 

बीज जेहन मे ये  ग़ज़ल के ही बो जायेगी 

यूं ग़ज़ल लिखने की दीवानगी जो देखी तो 

मौत की रात, रात खुद व खुद सो जायेगी 

शायरों के कलाम की नदी होगी सागर 

पर  ग़ज़ल इसकी लाडली लहर हो जायेगी 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 586

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 11, 2013 at 5:36pm

आदरणीय रामशिरोमणि जी, अतेन्द्र जी, तपन जी ..आप सभी को मेरी रचना पसंद आयी ..मैं तहे दिल धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ सादर 

Comment by ram shiromani pathak on December 10, 2013 at 10:35pm

सुन्दर गज़ल आदरणीय आशुतोष जी ! हार्दिक  बधाई  आपको 

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on December 10, 2013 at 9:30pm

बधाई स्वीकारें आदरणीय डा.आशुतोष जी.......बहुत सुंदर गजल कही है 

Comment by Tapan Dubey on December 10, 2013 at 6:41pm
आदरणीय सुंदर गजल के लिए बधाई
Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 10, 2013 at 12:45pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी ...बस यूं ही स्नेह बनाए रखें ..सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 10, 2013 at 9:55am

आखिरी पल क़ज़ा जो सामने होगी मेरे 

जिन्दगी इक हसीन  ख्वाब में खो जायेगी.......यह शेर बहुत पसंदीदा हुआ

बहुत सुंदर गजल , बधाई स्वीकारें आदरणीय डा.आशुतोष जी

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 9, 2013 at 5:16pm

आदरणीय गिरिराज भाई साब ..बस आपका स्नेह यूं ही सतत मिलता रहे ..सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 9, 2013 at 5:05pm

आदरणीय आशुतोष भाई , सुन्दर गज़ल कही है , आपको हार्दिक बधाई !!!!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 9, 2013 at 2:59pm

आदरणीया मीना जी ..हौसला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद 

Comment by Meena Pathak on December 9, 2013 at 1:31pm

बहुत सुन्दर गज़ल |
बधाई आप को आदरणीय आशुतोष जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
3 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
7 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service