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!!! दीवाली क्या चीज है !!!

जीवन का उद्देश्य सम, हर पल रहें प्रसन्न।
मृत्यु काल के घाट पर, नहीं पूंछती प्रश्न।। 1

सदा दिया के सम बनो, उजला रहे समाज।
निश-दिन पाप मुक्त तभी, कर दीवाली आज।। 2

यह प्यारा संसार है, दीन-हीन के संग।
दीपक जिनके घर नही, उनके लिए पतंग।। 3

लक्ष्मी को पूजें सभी, धनतेरस है कमाल।
बहू हमारी कर्ज सी, नित झगड़ा जंजाल।। 4

आलम-गौरव गले मिलें, होली हो या ईद।
नेता झंझट कील से, उकसाते बकरीद।। 5

के0पी0 सत्यम-मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by विजय मिश्र on November 4, 2013 at 5:05pm
केवलजी ! आपने तो उत्स का भाव आधुनिकता में समझा दियी . अतिसुन्दर . सुरचना और सुअवसर दोनों की बधाई
Comment by ram shiromani pathak on November 4, 2013 at 3:39pm

आदरणीय केवल भाई ,सुन्दर दोहों के लिए बधाई !!

फिर भी परिश्रम अभी शेष है और आप सक्षम भी............................

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 4, 2013 at 11:04am

सुन्दर दोहों के लिए बधाई | दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाए  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on November 3, 2013 at 2:36pm

मृत्यु काल को भूल कर,चलो मनाएं जश्न

फिर दुख आने का कभी,नहीं उठेगा प्रश्न  |१|

दीपक सम जलकर करो,अँधियारे पर राज 

तब सच्ची दीपावली , तब  हो शुद्ध समाज |२|

दीपक जिनके घर नहीं,वहाँ जलायें दीप 

हैं  उनके  आशीर्वचन , मोती धारे  सीप  |3|

कर्ज फर्ज तो सोच है, जैसे छैंया धूप 

किन्तु सत्य यह मानिये,बहू लक्ष्मी रूप |४|

हरदम कंटक में पले,मोहक पुष्प गुलाब 

बोतल कब है झूमती,जब उर बसी शराब |५|

शुभ दीपावली................

 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 3, 2013 at 1:09pm

आदरणीय भण्डारी भाई जी,    आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 3, 2013 at 1:08pm

आदरणीया कुन्ती जी,  सादर प्रणाम!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 3, 2013 at 1:07pm

आदरणीय अखिलेश भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार। सादर,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 3, 2013 at 8:25am

आदरणीय केवल भाई , दीवाली की सार्थकता कहाँ और कैसे है , आपने अपनी रचना के माध्यम से सुन्दरता से बयान किया है !!!! आपको हार्दिक बधाई !!!!!

Comment by coontee mukerji on November 2, 2013 at 5:16pm

बहुत सुंदर दिपावली की सार्थकता जतला दी केवल भाई आपने.

सादर

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on November 2, 2013 at 2:19pm

 सार्थक दीवाली कैसी हो इस पर सुंदर प्रकाश डाला है छोटी सी कविता के माध्यम से। बधाई केवल भाई। 

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