For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अक्सर मै सोचा करता हूँ

अक्सर मै सोचा करता हूँ,  ख़यालों में डूबकर|

तू आती तो मेरी जिंदगी यूँ रंगीन होती,

कलम चलती, कोई कोरा कागज़ रंग जाता|

मगर ये विधान, मेरे जीवन में तेरा खुबसूरत दखल,

खुबसूरत वक़्त, जो तूने बिताये मेरे साथकुछ पल|

आज भी सोचता है ये दिल, तसव्वुर में डूब कर|

अक्सर मै सोचा करता हूँ....................................

 

सुधि नहीं रहती है अब, मै तुझ से कहाँ आजाद हूँ|

कुछ लोग तरस खातें हैं मुझपे, कहतें हैं मै बरबाद हूँ|

मैं जो डूबा हुआ हूँ तुझ में, बिना चिंता फिक्र के,

तुम हो तो जहाँ अपना लगता है, लगता है मै आबाद हूँ|

अक्सर मै सोचा करता हूँ.......................................

 

 

Views: 682

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on January 25, 2011 at 8:44pm
S D sir, ajay bhaiya & sharda ji hausla aafjai k liye bahut bahut dhanywad.
Comment by Ajay Singh on January 22, 2011 at 8:37pm
very good ashish ji........
Comment by आशीष यादव on January 21, 2011 at 3:51pm
Dr.Brijesh Kumar Tripathi सर, लता जी अरुण सर, bahut bahut धन्यवाद|
Comment by Abhinav Arun on January 21, 2011 at 12:36pm
दिल के खूबसूरत ख़याल और उनकी बेहतरीन अभिव्यक्ति , बधाई आशीष जी !
Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on January 21, 2011 at 9:26am
Indeed lovely...so nice expession...keep it on
Comment by Lata R.Ojha on January 20, 2011 at 3:39pm
bahut sundar abhivyakti  :)
Comment by आशीष यादव on January 20, 2011 at 2:55pm
virender sir, raju bhaiya, bagi ji, aur Deepak sir; hausala aafjai ke liye bahut bahut dhanywaad.
Comment by Deepak Sharma Kuluvi on January 20, 2011 at 2:45pm
sundar

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 13, 2011 at 8:32pm

अक्सर मै सोचा करता हूँ,  ख़यालों में डूबकर...........

बहुत बढ़िया सोच रहे है आशीष भाई, ऐसे ही सोचिये......अच्छी कविता लिखी है आपने बधाई स्वीकार करे |

Comment by Raju on January 13, 2011 at 8:20pm
bahut hi sundar kavita likhi hai Aashish bhai apne...... bahut bahut badhai...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service