For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तान्या : वो लम्हा चित्रलिखित सा

हर इंसान के जीवन में
एक लम्हा
ऐसा आता है /
वक़्त नहीं थमता,
वह लम्हा
रह जाता है खड़ा हुआ
ज्यों चित्रलिखित सा ।

और कभी
जब चलते चलते
थक जाता है वक़्त
तो
इस लम्हे की छाया में
कुछ देर बैठ कर सुस्ताता है|

और कभी
जब बदली छा जाती है ,
और मन का पंछी
घबरा जाता है
तो यह लम्हा
इन्द्रधनुष सा
आसमान में बिखर जाता है /
और ये मौसम पहले जैसा खुशगवार
फिर हो जाता है ।

मै तो ऐसा दीवाना हूँ ,
मैंने हर लम्हे को
उस लम्हे के साथ जिया है /
कभी उसे घिस कर
चन्दन सा तिलक लगाया /
और कभी
उसको कविता का शब्द बनाया /
और कभी
वह लम्हा मेरे साथ चला है
छाया बन कर /
और कभी
वह लम्हा मुझको छलता है
माया बन कर ।

उस लम्हे की खातिर
मै अपने से लड़ा हूँ /
और साथ उस ही लम्हे के
आज वक़्त के शिलाखंड पर
एक ज़र्रे सा पड़ा हुआ हूँ ।

मौलिक एवं अप्रकाशित
अरविन्द भटनागर 'शेखर'

Views: 718

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by coontee mukerji on October 18, 2013 at 1:15pm

वाह! लम्हों का क्या सुंदर दास्तान है.

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 18, 2013 at 9:03am

आदरणीय सौरभ जी आपकी टिप्पणी मेरे लिए मूल्यवान होती है । बहुत बहुत आभार ....


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 17, 2013 at 11:59pm

कुछ विन्दुओं के प्रति भावनाएँ विगत के प्रति संवेदनशील बनाये रखती है. अच्छी रचना के लिए बधाई.

Comment by बृजेश नीरज on October 17, 2013 at 6:19pm

बहुत सुन्दर कविता! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 17, 2013 at 7:25am

आदरणीय अभिनव अरुण  जी ,आदरणीय  गीतिका जी  आपकी    टिप्पणी मेरे लिए  बहुत मायने रखती है ।  उत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद । 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 17, 2013 at 7:21am

आदरणीय शकूर जी ,  आदरणीय सुशिल जोशी जी आपको रचना पसंद आई बहुत आभार । 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 17, 2013 at 7:19am

आदरणीय अरुण कुमार निगम जी  आपकी  उत्साह वर्धक टिप्पणी के लिए धन्यवाद । 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 17, 2013 at 7:18am

आदरणीय गिरिराज जी , हौसला अफज़ाई के लिये आपका शुक्रिया !!!!!!

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 17, 2013 at 7:12am

आदरणीय अरुण जी ,  आपको रचना पसंद आई बहुत आभार । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on October 16, 2013 at 11:12pm

आदरणीय अरविंद जी,

मैंने हर लम्हे को
उस लम्हे के साथ जिया है /
कभी उसे घिस कर
चन्दन सा तिलक लगाया /
और कभी
उसको कविता का शब्द बनाया /

जीवन का मर्म इसी लम्हे में छिपा है, अति सुंदर अभिव्यक्ति............

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service