For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छोटी बहन को सहृदय समर्पित ,


हमेशा खुश रहो , इसी कामना के साथ ,

बहन हमारी ,
इतनी प्यारी ,
कोई फुलवारी ......,

बहन हमारी ,

इतनी न्यारी ,

एक किलकारी......... ,


बहन हमारी ,
इतनी सुंदर ,
अथाह समुंदर .......,

बहन हमारी ,
इतनी मीठी ,
यादें बीती ......... ,

बहन हमारी ,
इतनी अच्छी ,
बातें सच्ची..........,

बहन हमारी ,

जैसे रंग - बिरंगी तितली ,
इंद्र धनुष से निकली .

अश्क

 

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 726

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 17, 2013 at 7:58pm

बहुत प्यारी भावपूर्ण रचना कोमल एहसास लिए प्राची जी की परामर्श से सहमत हूँ हार्दिक बधाई आपको बहुत प्यारी है आपकी बहन उसके लिए शुभकामनायें |

Comment by बृजेश नीरज on April 17, 2013 at 3:56pm

बहुत सुन्दर! बहन के लिए प्रेम को रेखांकित करती इस रचना के लिए मेरी बधाई स्वीकारें।

Comment by Yogi Saraswat on April 17, 2013 at 11:54am

श्री अशोक जी , आपने मुझे अपनी बहन के लिए एक प्यारा सा तोहफा दे दिया है रचना के माध्यम से ! बहुत सुन्दर

Comment by Vindu Babu on April 17, 2013 at 9:21am
आदरणीय अशोक जी आपकी प्यारी सी बहन के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
महोदय प्रेममयी उपहार के रूप मे इस सुन्दर अभिव्यक्ति से अच्छा और क्या हो सकता है!
सादर बधाई स्बीकारें।
Comment by Ashok Kumar Raktale on April 16, 2013 at 8:28pm

आदरणीय अश्क जी बहन को समर्पित सुन्दर रचना हार्दिक बधाई स्वीकारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 16, 2013 at 7:40pm

बहन को समर्पित मासूम प्रेम को संजोये कोमल सी अभिव्यक्ति के लिए बधाई आ० अशोक कत्याल जी 

हर पंक्ति को सहजता से आठ-आठ की मात्रा पर रखा जा सकता है... आप प्रयास कीजिये फिर देखिये 

जैसे 

बहन हमारी ,
इतनी प्यारी ,
कोई फुलवारी ......, ज्यों  फुलवारी 

 

बहन हमारी

इतनी न्यारी ,

एक किलकारी......... , इक किलकारी 

Comment by कल्पना रामानी on April 16, 2013 at 6:05pm

बहुत सुंदर भाव पूर्ण कविता....

Comment by Shyam Narain Verma on April 16, 2013 at 5:40pm

बहुत ही भावपूर्ण लिखा है आपने बहन के प्रति आदरणीय सादर बधाई स्वीकारें

Comment by Kavita Verma on April 16, 2013 at 5:15pm

bahn ke prati sundar bhavon ko abhivyakt kari bhavpoorn prastuti ke liye badhai sweekaren...

Comment by vijayashree on April 16, 2013 at 1:11pm

बहन के प्रति भाई के भावों की सुदर प्रस्तुति के लिए बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
45 minutes ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service