For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

  

हिंदी भाषा के शिंगार  रस छंद अलंकार 

नव शब्द माल लेके गीत तो बनाइए 

 संधि प्रत्यय समास, हों मुहावरे भी ख़ास  

भाव रंगों  में डुबो के कविता  रचाइए 

गीत या निबन्ध हो नवल भाव  सुगंध हो 

साहित्य सरोवर में डुबकी  लगाइए 

विद्या वरदान मिले लेखनी को मान मिले 

अपनी राष्ट्र भाषा का मान तो बढाइए 

 

 

भाव गहन बढे जो ध्यान नदिया चढ़े जो 

लेखनी की नाव लेके पार कर जाइये 

ह्रदय में प्रकाश हो मुट्ठी भरा आकाश हो  

प्रज्ञा  पुंज अर्णव से  अलख जगाइये 

हो छंदों की बरसात भीगे मन पात- पात 

ज्ञान अमृत  बूँदे  पीके  प्यास बुझाइये 

नित  जिसकी छाँव हो असीमित प्रभाव हो    

 ऐसा  विद्या कल्पतरु घर  में उगाइए

******************************************  

 

Views: 756

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 14, 2013 at 10:06pm

आदरणीय लक्ष्मण जी घनाक्षरी को पसंद करने ,सराहने हेतु आपका हार्दिक आभार इसी तरह उत्साह वर्धन करते रहिएगा । 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 14, 2013 at 9:53pm

घनाक्षरी के भाव, कथ्य और ग्यायन में लय अति सुन्दर 

पूरी व्य्याकर्ण ही समाविष्ट कर दी, हार्दिक बधाई आदरणीया राजेश कुमरी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 14, 2013 at 10:29am

आदरणीय अरुण कुमार निगम  जी घनाक्षरी पर आपका अनुमोदन ,सराहना पाकर लेखनी धन्य हुई हार्दिक आभार आपका। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on April 14, 2013 at 10:16am

आदरेया, प्रथम घनाक्षरी में हिंदी व्याकरण के अवयवों का कुशलता से प्रयोग करके चमत्कृत ही कर दिया है. हिंदी प्रेम में पगी दोनों घनाक्षरी सुंदर, सुंदरतम,अति सुंदर, वाह !!!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 14, 2013 at 9:53am

आदरणीय अशोक रक्ताले जी घनाक्षरी पर उत्साह वर्धन करती हुई आपकी टिप्पणी हेतु  हार्दिक आभार आपका |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 14, 2013 at 9:51am

आदरणीय विजय निकोर जी हार्दिक आभार आपका |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 14, 2013 at 9:28am

प्रिय प्राची जी घनाक्षरी उसके भाव आपको पसंद आये जानकार ह्रदय प्रसन्न हुआ इस उत्साह वर्धन करती टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार 

Comment by vijay nikore on April 14, 2013 at 4:16am

राज जी,

 

प्रेरित कारती सुन्दर घनाक्षरी के लिए साधुवाद।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 13, 2013 at 11:42pm

हिंदी साहित्य के उत्थान की कामना लिए रचे गए कवित्त पर बहुत बहुत बधाई स्वीकारें आदरेया राजेश कुमारी जी.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 13, 2013 at 10:48pm

बहुत सुन्दर कथ्य घनाक्षरी का आदरणीया राजेश जी... 

हिंदी भाषा के शिंगार  रस छंद अलंकार 

नव शब्द माल लेके गीत तो बनाइए .............अहा!!! बहुत सही कहा है 

 संधि प्रत्यय समास, हों मुहावरे भी ख़ास  

भाव रंगों  में डुबो के कविता  रचाइए .............कितना उत्साह है इन पंक्तियों में ..सुन्दर आह्वाहन 

 बहुत बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service