For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तकदीर पर विशवास तो नही मुझे ,
आये क्यों हो मेरी जिंदगी में तुम ,
निभाया सदा साथ तुम्हारा लेकिन ,
दर्देदिल के सिवा क्या मिला मुझे|
.........................................
भुला कर हमने हर सितम तुम्हारे ,
साथ निभाने का क्यों वादा किया ,
हद हो गई अब ज़ुल्मो सितम की ,
प्यार में तो हमने धोखा ही खाया |
.........................................
निभा न सके जब तुम वफ़ा को ,
चुप रहे फिर भी खातिर तुम्हारी ,
दफना दिया सीने में ही दर्द को ,
उफ़ तक न की किसी के आगे |
.....................................
कर लो चाहे जितने भी सितम,
सब सह लेंगे उसे ताउम्र हम ,
न करें गे शिकवा न शिकायत ,
तकदीर से ही बाज़ी हारे है हम |


?

Views: 552

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rekha Joshi on July 12, 2012 at 10:05am

आपका बहुत बहुत धन्यवाद अरुण जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2012 at 9:27am

खुद को जलाकर रोशन करती  है शमा और उफ़ तक नहीं करती प्यार और त्याग की मिसाल आपकी रचना यही सब तो बयां करती है बधाई रेखा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 11, 2012 at 11:37pm

चुपचाप जलती दीपशिखा सी प्रत्येक पंक्ति के लिये साधुवाद. एकांगी भावनाओं को प्रतिष्ठित करती एक उम्दा कोशिश. बहुत खूब.

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 11, 2012 at 11:14pm

भुला कर हमने हर सितम तुम्हारे ,
साथ निभाने का क्यों वादा किया ,
हद हो गई अब ज़ुल्मो सितम की ,
प्यार में तो हमने धोखा ही खाया | बहुत सुन्दर अंदाज बहुत सुन्दर बयां  हार्दिक बधाई

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 11, 2012 at 10:15pm

निभा न सके जब तुम वफ़ा को ,
चुप रहे फिर भी खातिर तुम्हारी ,
दफना दिया सीने में ही दर्द को ,
उफ़ तक न की किसी के आगे |

क्या बात है रेखा जी इसी लिए तो प्रेम के आगे सर झुक जाता है ...बहुत सुन्दर ... 

कर लो चाहे जितने भी सितम,
सब सह लेंगे उसे ताउम्र हम ,
न करें गे शिकवा न शिकायत ,
तकदीर से ही बाज़ी हारे है हम | 
भ्रमर ५ 

 

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:10pm

वाह बहुत खूब 

बधाई आपको :)

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 11, 2012 at 4:09pm

आदरणीया बेहतरीन बधाई स्वीकार करें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
7 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service