For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दरख्त की पीर कौन समझेगा

इश्क के मजबूत दरख्त में
शक की दीमक लग गयी है
यकीन के सब्ज पत्ते
पीले पड़ पड़ के
रिश्तों की ड़ाल से बेसाख्ता गिर रहे हैं
झूठ के तेज़ झोंके
दरख्त को जड़ से उखाड़ने की फिराक में हैं
सच की माटी जड़ों का साथ छोड़ रही है
दौरे हाजिर में बंजर होती जमीं

नफरत के खार से सजी धजी है
दरख्त की पीर कौन समझेगा 
इश्क का मजबूत दरख्त
हर सुबह खोखला होता जा रहा है ...................दीप .....................

Views: 490

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on June 24, 2012 at 1:54pm
वाह, क्या खूब लिखा आपने आजके मोहब्बत को, बिल्कुल सही।
बधाई
Comment by आशीष यादव on June 24, 2012 at 1:49pm

वाह, क्या खूब लिखा आपने आजके मोहब्बत को, बिल्कुल सही।
बधाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 22, 2012 at 10:58pm
सुन्दर प्रस्तुति.. 
Comment by Rekha Joshi on June 22, 2012 at 9:48pm

Sandeep ji 

इश्क के मजबूत दरख्त में 
शक की दीमक लग गयी है 
यकीन के सब्ज पत्ते 
पीले पड़ पड़ के 
रिश्तों की ड़ाल से बेसाख्ता गिर रहे हैं  bahut khub 

Comment by Yogi Saraswat on June 22, 2012 at 4:16pm

नफरत के खार से सजी धजी है
दरख्त की पीर कौन समझेगा 
इश्क का मजबूत दरख्त
हर सुबह खोखला होता जा रहा है

सुन्दर अभिव्यक्ति ! इश्क करने वालों को एक बार पढनी चाहिए

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:02pm

बेशक, बधाई.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 21, 2012 at 11:38pm

आज के दौर की इश्क़िया हालत बखूबी उभर कर आयी है.

बहुर खूब.

 

Comment by Raj Tomar on June 21, 2012 at 9:50pm

बहुत खूब..:)

Comment by AVINASH S BAGDE on June 21, 2012 at 3:34pm

इश्क के मजबूत दरख्त में 

शक की दीमक लग गयी है 

यकीन के सब्ज पत्ते 

पीले पड़ पड़ के 

रिश्तों की ड़ाल से बेसाख्ता गिर रहे हैं ...vishwas ka ANTI TERMIDE khatm ho gaya hai....

 

behtareen soch v shabd sanyojan............दीप ji ..........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service