For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(मात्रिक छंद)
उल्लाला = १५,१३ मात्रा
(मैथिली शरण गुप्त जी ने इस छंद पर कई रचनाएँ लिखी है)

(तुम सुनौ सदैव समीप है,जो अपना आराध्य है.)

*******************************************************
नहीं बड़ा परमार्थ से अब , धर्म है इस जहान में.
कभी स्वार्थ  टिक पाता नहीं,किसी आत्मा महान में.


स्वारथ में जो प्रतिपल रहा ,कलंक है नर जाति पर.
आराध्य वही मानव जिसे,न फ़िक्र जाति विजाति पर.


है नाम पुनीत दधीच का,जन हित में जीवन दिया.
रानी थी एक झाँसी हित,कुर्बां कर यौवन दिया.


 कर चयन स्वारथ की सीढ़ी , जो कोई आगे बढ़े.
प्रभु न चलूँ पद चिन्ह उसके,जो भी यह  सीढ़ी चढ़े.

  • शैलेन्द्र कुमार सिंह "मृदु'

Views: 824

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 20, 2012 at 11:19am

आदरणीया राजेशकुमारी मैम प्रोत्साहन पर कोटि कोटि धन्यवाद,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 20, 2012 at 7:39am

म्रदु जी बहुत सुन्दर छंद रचे हैं आपको इस प्रयास पर हार्दिक बधाई 

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 19, 2012 at 11:30pm

आदरणीया महिमा जी प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत आभार आपका, बस आप लोगों के  सहयोग से ही कुछ सीखने की कोशिश कर रहा हूँ

                                                                                                 सादर

Comment by MAHIMA SHREE on April 19, 2012 at 11:05pm

है नाम पुनीत दधीच का,जन हित में जीवन दिया.
रानी थी एक झाँसी हित,कुर्बां कर यौवन दिया.

क्या बात है मृदु जी आप तो हर प्रकार के छंद में माहिर हो गए :)

आपकी मेहनत रंग दिखा  रही है  

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 7, 2012 at 2:36am

स्वागत है मित्र शैलेन्द्र जी ! :-)

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 7, 2012 at 2:31am

सर इसका मतलब रेफ का र है तो यह  आधा अक्षर होता है जो अपने से बाद के व्यंजन के ऊपर  जाता है, यहाँ पर  वा और मा पहले से ही दीर्घ है इसलिए ऐसा हुआ है . स्थिति अब स्पस्ट होकर सामने आई,तभी तो कहा है

गुरू कुम्हार सिख कुम्भ है .............

आदरणीय अम्बरीष सर आपने मेरे उलझे सवाल को सुलझाया इसके लिए शत-शत वंदन और ह्रदय से कोटि-कोटि धन्यवाद

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 7, 2012 at 2:29am

२   १२  १२१  २१  २१  २१   २ =२०

हो रहे अनर्थ ढेर मार काट है.  (20 मात्रा)

राजनीति में भी आज बन्द्रबाँट है.. (20 मात्रा)

२१२१      २   १    २१    २१२१  २ = २० मात्रा

(यहाँ पर भी को गिराकर पढ़ा गया है अर्थात १ मात्रा गिनी गयी है ) कृपया उच्चारण करके देखें !

एक और उदाहरण लीला वृत्त छंद (१८ मात्रा)

22    221    11    122   2 =18

तेरा सौंदर्य जब निहारूँ मैं, 18

मधुर हास पर तन मन वारूँ मैं.. 18

111  21     11    11   11  22     2 =18

आशा है शंका समाधान हो गया होगा मित्र !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 7, 2012 at 2:19am

भाई शैलेन्द्र जी ! कृपया शब्द के उच्चारण के अनुसार  निम्नलिखित का अवलोकन करें !

पर मार् थ (११२१)   स्वार् थ (२१)

अर् थ (२१)

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 7, 2012 at 1:38am

श्री चन्द्र शेखर सिंह "चन्द्र" जी द्वारा रचित राग छंद (२० मात्रा) में उन्होंने भी इसी प्रकार मात्रिक गणना की है .

हो रहे अनर्थ ढेर मार काट है.

राजनीति में भी आज बन्द्रबाँट है..

एक और उदाहरण लीला वृत्त छंद (१८ मात्रा)

तेरा सौंदर्य जब निहारूँ मैं,मधुर हास पर तन मन वारूँ मैं..

श्री अम्बरीष सर कृपया वास्तविक स्थिति से अवगत कराने की कृपा करें . आपके स्नेह और मार्गदर्शन की अभिलाषा में आपका अनुज                                                      सादर

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 7, 2012 at 1:16am

आदरणीय वीनस सर सादर प्रणाम , सराहना और उत्साहवर्धन के लिए आपको कोटि-कोटि धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द लोकतंत्र के रक्षक हम ही, देते हरदम वोट नेता ससुर की इक उधेड़बुन, कब हो लूट खसोट हम ना…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
22 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service