For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(गणबद्ध)                  मोतिया दाम छंद

सूत्र = चार जगण (१६ मात्रा) यानि  जगण-जगण-जगण-जगण (१२१ १२१ १२१ १२१)

************************************************************************************

दिखी  जब  देश  विदेश  अरीत.

दिखा शिशु भी हमको भयभीत .

तजें हम  द्वैष  बनें  मनमीत.

लिखूँ कुछ काव्य अमोघ पुनीत..

.

चढ़ा जब  द्रोह  यहाँ  परवान.

चला जब देश अलंग विवान.

दिखे चुप आज सुदेश दिवान.

दुखी मन खोज अनूप सिवान..

.

चली तब लेखन की असिधार.

बनी यह रीत  अरीत  अधार.

मिला कुइ अंत न और सुधार.

घिरी यह नाव पड़ी मझधार..

.

मिटी तहजीब  मिटी  हर  रीत.

किया फिर क्यों हमने यह प्रीत.

थका लिख आज सुदेश कुरीत.

लिखे हमनें नित ही नवगीत..

.

-------------------------------------------------------------------------------

अरीत = कुप्रथा या कुरीति

अलंग = की ओर

विवान = अर्थी

सिवान = परिसीमा

Views: 763

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 19, 2012 at 11:31pm

आदरणीया महिमा जी उत्साहवर्धन हेतु कोटि कोटि धन्यवाद

Comment by MAHIMA SHREE on April 19, 2012 at 11:02pm

चढ़ा जब  द्रोह  यहाँ  परवान.

चला जब देश अलंग विवान.

दिखे चुप आज सुदेश दिवान.

दुखी मन खोज अनूप सिवान.......bahut sunder

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 7, 2012 at 3:47pm

आदरणीय राजीव सर सादर नमन ,सराहना के लिए ह्रदय से आभार

Comment by RAJEEV KUMAR JHA on April 7, 2012 at 3:33pm

बहुत अच्छी  कविता,मृदु जी.बहुत सुन्दर भाव हैं.

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 7, 2012 at 2:43pm

आदरणीय वाहिद सर आपका स्नेह मिला आपका बहुत बहुत आभार , आप लोगों के बीच रहकर सीख रहा हूँ . आपका आशीर्वाद मिलता रहे कभी न कभी साहित्य के पटल पर सफलता मिल ही जायेगी . पुनः बहुत बहुत धन्यवाद

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 7, 2012 at 1:42pm

प्रिय मृदु जी,

जिस तरह से आप नित नए नए छंदों पर आधारित अपनी रचनाएँ मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं वह आपकी बहुआयामी सृजनशीलता का परिचायक है| साथ ही यह आपकी साहित्यिक अभिरुचि और आपकी सीखने की ललक को भी दर्शाता है| भाव पक्ष तो आपका सदैव ही सशक्त रहा है| भाई गणेश जी की बातों से मैं भी पूरी सहमति रखता हूँ| आप निश्चित ही अपने जीवन में बहुत ऊंचाइयों को छुएंगे| हार्दिक बधाई आपको| :))

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 7, 2012 at 8:06am

आदरणीय जवाहर सर सादर नमन , उत्साहवर्धन के लिए हृदय से आभार

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 7, 2012 at 7:50am
बहुत ही सुन्दर! मृदु जी, आप तो तूफ़ान से कश्ती निकल कर लाये हैं ऐसा लगता है!
Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 6, 2012 at 11:51pm

आदरणीय प्रदीप सर आप लोगों के  स्नेह, मार्गदर्शन  और आशीर्वाद के बल पर ही साहित्य क्षेत्र में उन्नति की ओर बढ़ सकूंगा.रचना की सराहना और मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आपको मेरा शत-शत वंदन

                                                                                                          सादर

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 6, 2012 at 11:43pm

snehi. rachana ka bhav pasand. aaya. aesi hindi samjhne main mujhe kathinai hoti hai. par aapne arth de diya . kaam ban gaya. agar aage bhi aesa karenge to main to labhanvit hunga. gyan bhi badhega. ashirvad de raha hoon.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service