For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इश्क़ की बात चली
रात आँखों में जली

————
मौजूदगी तेरी हर लम्हा मौजूद रहे
तू साथ हो न हो, साथ बावजूद रहे
ख़यालों में गुज़रा ये दिन सारा
शाम यादों में ढली
इश्क़ की बात चली..

————
एक तमन्ना थी इस दिल में भी
आएंगे वो दिल की महफ़िल में भी
बन सकी न फूल तमन्ना की
थी जो मासूम कली
इश्क़ की बात चली..
————

मैं भटकना भी जो चाहूँ तो कहाँ जाऊँगा
हर सू, हर शै में तुझे ही पाऊँगा
बढ़ जाएँ क़दम उस जानिब जो हैं
तेरा कूचा-ओ-गली
इश्क़ की बात चली..
————
सिर्फ़ एक बार मुख़ातिब हुई आवाज़ तेरी
है बड़ी यादगार मेरे लिए एक वो घड़ी
ज़हन में उतर गई इतनी मीठी
जैसे मिसरी की डली
इश्क़ की बात चली..

Views: 745

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 16, 2012 at 3:52pm

बड़े भईया,

आपकी प्रशंसा सदैव ही अपना अलग स्थान रखती है| आभार आपका,

Comment by Abhinav Arun on April 16, 2012 at 2:52pm

इश्क़ की बात चली
रात आँखों में जली

क्या बात बहुत बहुत खूबसूरत तरीक से कही गयी रचना वाह वाह !!! संदीप जी हार्दिक बधाइयाँ आपको !!

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 16, 2012 at 2:15pm

हार्दिक आभार महिमा जी! :))

Comment by MAHIMA SHREE on April 11, 2012 at 3:37pm
मैं भटकना भी जो चाहूँ तो कहाँ जाऊँगा
हर सू, हर शै में तुझे ही पाऊँगा
बढ़ जाएँ क़दम उस जानिब जो हैं
तेरा कूचा-ओ-गली
इश्क़ की बात चली..
वाहिद साहब नमस्कार क्या कहने है आपके वाह वाह...
गजल की बात ही कुछ और है जब दिल से लिखी हो तो बस लाजवाब ..:) बधाइयाँ स्वीकार करें
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 11, 2012 at 2:30pm

हार्दिक आभार सरिता जी! आपकी  ज़र्रानवाज़ी का शुक्रिया.. :))

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 11, 2012 at 2:29pm

आदरणीय राजीव जी,

हार्दिक आभार सादर,

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 11, 2012 at 2:29pm

भ्रमर जी धन्यवाद.. बात इसी गीत में चली और यहीं खत्म भी हो गई.. :)))

Comment by Sarita Sinha on April 9, 2012 at 1:59pm

bahut khubsurat ghazal sandip ji !!!!!!!

garmi me thandak ka ehsas.......

Comment by RAJEEV KUMAR JHA on April 9, 2012 at 9:02am

बहुत सुन्दर गीत, संदीप जी.

मैं भटकना भी जो चाहूँ तो कहाँ जाऊँगा हर सू, हर शै में तुझे ही पाऊँगा बढ़ जाएँ क़दम उस जानिब जो हैं तेरा कूचा-ओ-गली इश्क़ की बात चली.. लाजबाब !

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 7, 2012 at 11:53pm

एक तमन्ना थी इस दिल में भी
आएंगे वो दिल की महफ़िल में भी
बन सकी न फूल तमन्ना की
थी जो मासूम कली
इश्क़ की बात चली..

क्या बात है काशीवासी भाई  जी ...इश्क की बात  चली ..खूब सूरत अब तो देखना है कहाँ तक बढ़ी 
जय बाबा काशीनाथ ...
भ्रमर 5


कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
17 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service