For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक लड़की ( हास्य)

 
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
प्रेम - जाल मैं डाल के थक गया, पर कुड़ी नहीं फंसती है .
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
रहती है मेरे पड़ोस में वो, कुछ चंचल - कुछ शोख है वो.
ना गोरी - ना काली है, सांवली है - मतवाली है.
झील सी गहरी आँखें हैं , ज़ुल्फ़ यूँ काली राते हैं.
लहरों जैसी बल खाती, दुल्हन जैसी शरमाती .
चेहरा चाँद है पूनम का, होंठ सुमन है उपवन का.
नाम है उसका नील कमल, वो है ज़िंदा ताजमहल.
साँसे मेरी थम जाती, जब थम - थम के वो चलती है .
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
आती है वो ख़्वाबों में, दिखती है वो किताबों में.
ख्यालों से मैं चिपट गया, सपनों से मैं लिपट गया.
अपना ही दिल जेल हुआ, इम्तहान में फेल हुआ.
छा गई दिल पर बादल सा, हो गया मैं कुछ पागल सा.
प्रेम- अस्त्र का वार किया, हाले दिल इज़हार किया.
ना सोचा - ना देर किया, ख़त खिड़की में फेंक दिया.
तब से वो खिड़की हरजाई , नहीं दुबारा खुलती है.
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
सुबह - सबेरे जागता हूँ , दिन भर पीछे भागता हूँ.
गली में उसकी घुमता हूँ, चौखट उसकी चूमता हूँ.
दिन भर मुँह चलाती है, पर कुछ तरस न खाती है.
एक दिन उसने बुलवाया, लाल लिफाफा पकड़ाया.
मन - मयूर मेरा झूम गया, पढ़ा तो माथा घूम गया.
सनम ने क्या एवार्ड दिया, अपनी शादी का कार्ड दिया.
अब जब मुझको देखती है तो, मुँह दबा कर हंसती है.
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.
                   ---------------  सतीश मापतपुरी

Views: 576

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by satish mapatpuri on February 19, 2012 at 5:14pm
आप सभी मित्रों का दिल से आभार
Comment by Arun Sri on February 16, 2012 at 1:39pm

जहाँ से कहानी शुरू हुई वही आ गई !

//मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हंसती है.//


Comment by आशीष यादव on February 15, 2012 at 11:12am
Bahut khub sir.
Sundar prastuti
Comment by AVINASH S BAGDE on February 15, 2012 at 11:09am

सनम ने क्या एवार्ड दिया, अपनी शादी का कार्ड दिया.....sandesh kitana HARD diya.

Comment by praveen singh "sagar" on February 15, 2012 at 10:06am

AAjkal ke Prem ke prati  yuwa varg ki manodasha bade achhe tarike se pesh ki hai apne.........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब महेन्द्र कुमार जी,  //'मोम-से अगर होते' और 'मोम गर जो होते तुम' दोनों…"
37 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब, माज़रत ख़्वाह हूँ, आप सहीह हैं।"
2 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
9 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
9 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
9 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
9 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
9 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
9 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service