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राजन तुम्हें पता - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२


छलकी बहुत शराब क्यों राजन तुम्हें पता
उसका नहीं हिसाब क्यों राजन तुम्हें पता।१।
**
हालत वतन के पेट की कब से खराब है
देते नहीं जुलाब क्यों राजन तुम्हें पता।२।
**
हम ही हुए हैं गलमोहर इस गम की आँच से
बाँकी हुए गुलाब क्यों राजन तुम्हें पता।३।
**
हर झूठ सागरों सा है इस काल में मगर
सच ही हुआ हुबाब क्यों राजन तुम्हें पता।४।
**
सुनते थे इन का ठौर तो बस रेगज़ार में
सहरा में भी सराब क्यों राजन तुम्हें पता।५।
**
बदला नहीं हैं क्यों भला शासन ये पूछते
देते नहीं जवाब क्यों राजन तुम्हें पता।६।


मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

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Comment

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 8, 2020 at 7:19am

आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन । गजल की प्रशंसा के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 8, 2020 at 7:18am

आ. डिम्पल जी,.सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 8, 2020 at 7:17am

आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन । गथल पर उपस्थिति व सराहना के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 8, 2020 at 7:15am

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर पुनः उपस्थिति व मार्गदर्शन के लिए आभार ।

Comment by Dayaram Methani on June 6, 2020 at 9:10pm

हालत वतन के पेट की कब से खराब है
देते नहीं जुलाब क्यों राजन तुम्हें पता --------अति सुंदर। 

सुंदर गज़ल के लिए ल्क्षमण धामी जी बधाई स्वीकार करें।

Comment by Dimple Sharma on June 6, 2020 at 2:40pm

क्यों राजन तुम्हें पता.. बहुत खुबसूरत रदिफ़ और उम्दा ग़ज़ल, बधाई स्वीकार करें आदरणीय।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on June 5, 2020 at 11:24pm

जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें।

उस्ताद ए मुहतरम की बातों का संज्ञान लें। सादर। 

Comment by Samar kabeer on June 5, 2020 at 6:12pm

क़वाफ़ी अब ठीक हैं ।

'देते नहीं जुलाब क्यों राजन तुम्हें पता'

इस मिसरे में सहीह लफ़्ज़ "जुल्लाब" है,देखियेगा ।

'सच ही हुआ हुबाब क्यों राजन तुम्हें पता'

इस मिसरे में 'हुबाब' को "हबाब" कर लें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 5, 2020 at 4:42pm

आ. भाई समर कबीर जी, अब देखियेगा । सादर....

Comment by Samar kabeer on June 5, 2020 at 2:16pm

'शराब' के साथ 'निराश' की तुक कैसे होगी भाई?

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