For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बारूदों की जिस ढेरी पर-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'(गजल)

२२२२/२२२२/२२२२/२२२


विकसित होकर  हम ने  कैसी  ये  तस्वीर उकेरी है
आदमयुग थी यार न दुनिया जितनी आज अँधेरी है।१।

**
बारूदों की जिस ढेरी  पर  नफरत आग लिए बैठी
उससे सब कुछ ध्वंस में बोलो लगनी कितनी देरी है।२।

**
जिसको देखो वही चोट को लाठी लेकर डोल रहा
कहने को पर  सब के  मन  में  सुनते  पीर घनेरी है।३।

**
मजहब पन्थों के हित  में  तो नारे खूब लगे हैं नित
मानवता के हित में लेकिन  बजती कब रणभेरी है।४।

**
उन रस्तों को सदियाँ भी अब साफ नहीं कर पायेंगी
जिन पर तुम ने धुन्ध खूँ भरी आकर खूब बिखेरी है।५।

***

मौलिक.अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

Views: 615

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 4, 2020 at 6:30am

आ. भाई सुरेश जी, सादर आभार।

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on February 3, 2020 at 4:20pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब बहुत सुंदर। बधाई 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 3, 2020 at 4:58am

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए आभार ।

Comment by Samar kabeer on January 30, 2020 at 5:33pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 29, 2020 at 6:10am

आ. भाई आशुतोष जी, सादर अभिवादन। गजल की सराहना के लिए धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 29, 2020 at 6:09am

आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति स्नेह व सराहना के लिए आभार।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 28, 2020 at 12:19pm

बेहतरीन 

Comment by vijay nikore on January 28, 2020 at 10:46am

बहुत ही अच्छी लिखी है गज़ल आपने, मेरे मित्र लक्ष्मण जी। बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service