For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणिकाएँ - 3 - डा० विजय शंकर

भला आदमी है वो ,
भला करता है ,
सौदागरों की तरह ।

रहमदिल है वह
दुआ करता है
भिखारियों की तरफ ।

आशीर्वाद देता है वह
चढ़ावा चढ़ जाने के बाद
पुजारी है वह ।

सब कर देगा वह
सब पा लेने के बाद
वादा है उसका ,
नेता है वह ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 670

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 24, 2014 at 6:05am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपको क्षणिकाएँ पसंद आयी इसके लिए आभार एवं आपकी बधाई के लिए ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद।
Comment by Dr. Vijai Shanker on November 24, 2014 at 6:03am
आदरणीय गणेशजी बागी जी , सबसे पहले तो आपका बहुत बहुत धन्यवाद " तरफ" मिसप्रिंट के लिए ध्यानाकर्षण हेतु , यह " तरह " ही है , इस भूल के लिए बहुत खेद है। आपको क्षणिकाएँ पसंद आयी इसके लिए आभार एवं आपकी बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 24, 2014 at 5:49am

आदरणीय विजय भाई , चार व्यवहारिक सच्चाइयों को बयान करती आपको चारों क्षणिकाओं के लिये बधाई ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 23, 2014 at 5:51pm

//रहमदिल है वह
दुआ करता है
भिखारियों की तरफ ।//

शायद "तरफ = तरह" होना चाहिए।

सभी क्षणिकायें अच्छी लगीं, बधाई आदरणीय विजय शंकर जी।

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 21, 2014 at 12:08am
रचना को स्वीकार करने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी। बधाई के लिए धन्यवाद।
Comment by Dr. Vijai Shanker on November 21, 2014 at 12:04am
रचना को पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी।
Comment by Hari Prakash Dubey on November 20, 2014 at 5:04pm

शानदार प्रस्तुति आदरणीय डा० विजय शंकर जी , हार्दिक बधाई

Comment by Shyam Narain Verma on November 20, 2014 at 1:07pm

" अच्छी प्रस्तुति आदरणीय ,बधाई ................. "

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 19, 2014 at 9:28pm
आदरणीय डॉ o गोपाल नारायण जी , आपके उत्साह वर्धन के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on November 19, 2014 at 9:24pm
रचना को स्वीकार करने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय राजेश कुमारी जी , आपकी बधाई से हौसला बढ़ता है , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
yesterday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service