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|| अंजुमन ग़ज़ल नवलेखन पुरस्कार - 2014 ||

दोस्तो,
अंजुमन प्रकाशन द्वारा 27 अक्टूबर 2013 को लखनऊ के पुस्तक लोकार्पण समारोह में की गयी घोषणा के अनुसार अंजुमन ग़ज़ल नवलेखन पुरस्कार-2014 के नियम एवं शर्त उपलब्ध हैं | युवा शाइरों से निवेदन है कि इस पुरस्कार योजना में शामिल हो कर इसे सफल बनाएँ व इसका लाभ उठायें |

पुरस्कार परिचय
 
अंजुमन प्रकाशन ग़ज़ल नवलेखन पुरूस्कार के अंतर्गत प्रतिवर्ष पांडुलिपियाँ आमंत्रित करके उनमें से एक सर्वश्रेष्ठ पांडुलिपि का चयन किया जाएगा तथा वर्ष के अंत में अंजुमन प्रकाशन द्वारा ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित किया जाएगा तथा एक भव्य लोकार्पण समारोह में संग्रह को लोकार्पित किया जायेगा | इसके साथ ही, शाइर को उस वर्ष के लिए निश्चित की गई धनराशि व प्रशस्ति-पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा तथा / माला / शाल / स्मृति चिह्न आदि से सम्मानित किया जाएगा | पुस्तक बिक्री होने पर अंजुमन प्रकाशन की नीतियों के अंतर्गत शाइर को रायल्टी दी जायेगी |
 
अंजुमन ग़ज़ल नवलेखन वर्ष - 2014 के लिए पुरस्कार की धनराशि 5000 रु. (पाँच हज़ार रुपये) निर्धारित की गई है
 
पांडुलिपि अंजुमन प्रकाशन को प्राप्त होने की अंतिम तिथि 10 जनवरी 2014 है
 
अंजुमन प्रकाशन द्वारा ग़ज़ल नवलेखन पुरस्कार 2014 की घोषणा की जाती है जिसके लिए नियम एवं शर्त निम्नलिखित हैं -
 
1. इस पुरस्कार के लिए युवा ग़ज़लकारों से 100 ग़ज़लों की पांडुलिपि आमंत्रित है
2. जिस प्रतिभागी की उम्र 1 जनवरी 2014 को 35 वर्ष से कम होगी केवल वही इस योजना में हिस्सा ले सकते हैं अर्थात जिस शाइर का जन्म दिनांक 1 जनवरी 1979 को या इस तारीख के बाद हुआ है  केवल वही इस पुरस्कार योजना में भाग ले सकेंगे |
3. जिन शाइर का अभी तक कोई ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित नहीं हुआ है उनसे 100 ग़ज़लों की पांडुलिपि आमंत्रित है
4. जिन शाइर का एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुका है उनसे भी 100 ग़ज़लों की पांडुलिपि आमंत्रित है परन्तु पांडुलिपि में सभी 100 ग़ज़लें नई होनी चाहिए, अर्थात उनके पहले ग़ज़ल संग्रह में प्रकाशित ग़ज़लें, भेजी जा रही पांडुलिपि में कदापि नहीं होनी चाहिए |
5. जिन शाइर की उम्र 35 वर्ष से कम है परन्तु दो या उससे ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं वह इस पुरस्कार योजना में हिस्सा नहीं ले सकते हैं
6. पांडुलिपि में ग़ज़ल A4 कागज़ में केवल एक ओर कंप्यूटर द्वारा टाइपशुदा हो (अलंकारिक फांट का प्रयोग न करें), फान्ट 14 प्वाईंट से बड़ा हो, एक पेज में केवल एक ग़ज़ल हो, तथा ग़ज़ल में कम से कम ५ अशआर हों
7. प्रत्येक ग़ज़ल के ऊपर ग़ज़ल संख्या तथा नीचे 2 लाइन स्पेस छोड़ कर ग़ज़ल की बह्र अथवा अर्कान अथवा मात्रा लिखी हो
8. पांडुलिपि भेजने के पूर्व विचार कर लें कि ग़ज़लें दोष रहित व अरूज के मानकों पर खरी उतरती हों
 
इन नियमों के प्रतिकूल होने पर पांडुलिपि पर किसी दशा में विचार नहीं किया जाएगा
 
अंतिम तिथि तक प्राप्त पांडुलिपियों में अंजुमन प्रकाशन द्वार गठित चयन समिति द्वारा दो से अधिक स्तर पर चयन प्रकिया को अपनाते हुए सर्वश्रेष्ठ पांडुलिपि का चयन किया जाएगा तथा पांडुलिपि प्राप्त करने की अंतिम तिथि के 3 महीने बाद चयनित शाइर के नाम की घोषणा अंजुमन प्रकाशन की वेबसाईट तथा अन्य आनलाइन मंचों द्वारा की जायेगी जाएगी | यदि प्राप्त पांडुलिपियों में से कोई भी पांडुलिपि चयन समिति के निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो पुरस्कार किसी को नहीं दिया जाएगा |
सर्वश्रेष्ठ पांडुलिपि के अतिरिक्त यदि अन्य पांडुलिपियाँ भी मानकों पर खरी उतरती हैं तो चयन समिति द्वारा अंजुमन प्रकाशन को प्रकाशित करने के लिए अनुशंसित की जा सकती है तथा उस ग़ज़ल संग्रह का प्रकाशन, प्रकाशन की सामान्य पुस्तक के रूप में किया जा सकता है जिसके लिए प्रकाशन और शाइर की आपसी सहमति अनुसार कार्य किया जाएगा तथा उक्त पुस्तकों के प्रकाशन पर प्रकाशन की सामान्य नीतियां लागू होंगी |
 
पुरस्कृत होने के बाद के नियम व शर्त
चयनित पांडुलिपि में से चुनिन्दा ग़ज़लों की 80 अथवा उससे अधिक पृष्ठ की पेपर बैक पुस्तक पूर्ण प्रकाशकीय खर्च से 2014 में प्रकाशित की जायेगी | पुस्तक का मूल्य प्रकाशन की नीतियों के अनुसार तय किया जाएगा
प्रकाशक द्वारा पहली बार खुद प्रूफ रीडिंग करवाया जाएगा तथा शाइर को को कम से कम एक बार प्रूफ पढ़ना अनिवार्य है |
पुस्तक को आई.एस.बी.एन. नंबर मिलेगा जिससे पुस्तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत होती है |
शाइर को पुस्तक की 5 प्रतियाँ दी जायेगी तथा इसके बाद क्रय करने पर पुस्तक मूल्य पर 30 % छूट दी जायेगी |
पहले तथा उसके बाद के सभी संस्करण की पुस्तक बिक्री होने पर लेखक को अंजुमन प्रकाशन की नीतियों के अनुसार रायल्टी दी जायेगी जिसका हिसाब प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में किया जायेगा तथा धन राशि लेखक को चेक द्वारा दी जाएगी | वर्तमान नीति के अनुसार रायल्टी पुस्तक मूल्य का 15 %  निर्धारित है |
विमोचन तथा सम्मान कार्यक्रम की तिथि शाइर की सहमति से अंजुमन प्रकाशन द्वारा संभवतः सितम्बर से दिसंबर माह के बीच तय की जायेगी | कार्यकम के लिए इलाहाबाद आने जाने व इलाहाबाद में ठहरने का खर्च लेखक को स्वयं वहन करना होगा यदि लेखक के परिचित समारोह में सम्मिलित होने के लिए अन्य शहर से इलाहाबाद आते हैं तो उनकी व्यवस्था भी लेखक को देखनी होगी |
पुस्तक का कापीराइट लेखकाधीन होगा |
पुरस्कृत पुस्तक का पहला संस्करण प्रकाशित होने की तिथि से अगले पाँच वर्ष की अवधि में सभी अगले संस्करण अंजुमन प्रकाशन द्वारा ही प्रकाशित किये जायेंगे, पाँच वर्ष की अवधि के बाद अंजुमन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संस्करण समाप्त होने पर लेखक, प्रकाशक को सूचित करते हुए दो माह बाद अगला संस्करण किसी भी अन्य प्रकाशक से प्रकाशित करवाने के लिए स्वतंत्र होगा
 
पुरस्कार प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार कि अनुशंसा करने अथवा करवाने पर प्रतिभागी की प्रतिभागिता तुरंत निरस्त कर दी जायेगी |
चयनित न होने की दशा में पांडुलिपि वापस नहीं की जायेगी, भविष्य के लिए अपने पास पाण्डुलिपि की एक प्रति सुरक्षित रखें |
सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागी को पुरस्कार की घोषणा के बाद यदि पुरस्कृत प्रतिभागी के सम्बन्ध में यह तथ्य उजागर होते हैं कि प्रतिभागी द्वारा पुरस्कार पाने के नियम व शर्त के प्रतिकूल गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है तो अन्य पांडुलिपियों पर पुनः विचार करके किसी अन्य प्रतिभागी को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा |
यदि ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित होने तथा पुरस्कार देने के बाद ऐसी कोई जानकारी व सबूत प्राप्त होता है कि प्रतिभागी द्वारा पुरस्कार पाने के नियम व शर्त के प्रतिकूल गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया था तो उचित न्यायिक कार्यवाही की जायेगी जिसका क्षेत्राधिकार इलाहाबाद न्यायिक परिक्षेत्र रहेगा |
विशेष परिस्थितियों में प्रतिभागी को बिना सूचना दिये, पांडुलिपि प्राप्त करने की अंतिम तिथि तथा पुरस्कार के लिए शाइर के नाम को घोषित करने की तिथि को घटाया बढ़ाया जा सकता है, पुरस्कार की राशि घटाई/बढ़ाई जा सकती है, नियम एवं शर्तों में बदलाव किया जा सकता है अथवा पुरस्कार को रद्द किया जा सकता है | अंजुमन प्रकाशन के पास सर्वाधिकार सुरक्षित है ।
 
पुरस्कार योजना में हिस्सा लेने के लिए निम्न्लिखित्त सामग्री भेजें –
१ - 100 ग़ज़लों की पांडुलिपि की दो प्रतियाँ (उचित बाईंडिंग के साथ)
२ - प्रतिभागी का साहित्यिक व व्यक्ति परिचय जिसमें प्रतिभागी का संपर्क सूत्र, ई मेल, निवास, ब्लॉग / वेवसाईट (यदि हो) आदि का जिक्र अवश्य हो
३ - तीन पासपोर्ट साइज फोटो
४ - आयु प्रमाणित करने के लिए हाईस्कूल अंक पत्र की स्वहस्ताक्षरित छाया प्रति
५ – यदि एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुका है तो संग्रह की तीन प्रतियाँ
६- 20 रुपये के स्टाम्प पेपर में प्रतिभागी को स्वप्रमाणित करना है कि –
            - प्रतिभागी की आयु 1 जनवरी 2014 को 35 वर्ष से कम है,
            - अभी तक प्रतिभागी का कोई ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित नहीं हुआ है / केवल एक संग्रह प्रकाशित हुआ है (संग्रह तथा प्रकाशक के नाम व पता का जिक्र करें )
            - पांडुलिपि में भेजी गई सभी 100 ग़ज़लें मौलिक हैं व किसी अन्य संग्रह में अप्रकाशित हैं
 

द्वारा अंजुमन प्रकाशन
आकाश केसरवानी
anjumanprakashan@gmail.com


पांडुलिपि इस पते पर भेजें

Anjuman Publication

Akash Kesari
Janta Pustak Bhandar
942, Mutthiganj (Near Arya Kanya Chauraha)
Allahabad - 211003
Uttar Pradesh, India

 

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Comment

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Comment by Tilak Raj Kapoor on November 4, 2013 at 10:54am

बहुत बहुत बधाई इस सुविचार के लिये।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 4, 2013 at 10:34am

अंजुमन प्रकाशन के इस सराहनीय कदम से नव शायरों का मनोबल निरंतर बढ़ता रहेगा, आपको हृदय से बधाई व् सफलता की शुभकामनाएं, आदरणीय वीनस जी 

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on November 4, 2013 at 10:20am

वीनस भाई नमस्कार ...अंजुमन के इस सराहनीय कदम के लिए बहुत बहुत बधाई .....नए लेखकों, शाईरों के लिए सुनहरा अवसर है आगे बढ़ने के लिए ....पुरस्कार मिले न मिले आगे बढ़ने के लिये एक मौका ज़रूर मिल जाएगा...अंजुमन प्रकाशन का भी बहुत बहुत शुक्रिया साथ साथ आपका भी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद /////

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 4, 2013 at 10:16am

युवा एवं नव गजल के हस्ताक्षरों के लिए श्रेष्ठ प्रोत्साहन योजना हेतु उठाये सराहनीय कदम के आपको बधाई श्री वीनस जी,

इसकी सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 4, 2013 at 8:29am

बहुत बढ़िया आदरणीय वीनस जी एक सराहनीय कदम है, ये युवा नवहस्ताक्षरों के लिये सुनहरा अवसर है पुरस्कार मिले न मिले आगे बढ़ने के लिये एक मौका ज़रूर मिल जाएगा


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 4, 2013 at 8:21am

आदरणीय वीनस भाई , अंजुमन के सराहनीय क़दम के लिये उनको बहुत बहुत !!!! बधाई !!!! , शुक्रिया !!!! नव हस्ताक्षरों के लिये ये सुनहरा अवसर है !!! जो भी शायर इस परिधि मे आतें है उनओ ज़रूर एक प्रयास करना चाहिये !!!! आपका भी शुक्रिया !!!! अंजुमन प्रकाशन का भी बहुत शुक्रिया !!!!!

Comment by Abhinav Arun on November 4, 2013 at 4:51am

उत्तम - सर्वोत्तम ..स्तुत्य योजना के लिए हार्दिक साधुवाद अंजुमन प्रकाशन को ! युवा एवं नवीन - अप्रकाशित रचनाकारों को प्रोत्साहित करने की अंजुमन की मंशा प्रारम्भ  से ही दीख  रही है  इसके लिए हम सभी आपके बहुत बहुत आभारी हैं , आपके प्रयास भारतीय साहित्य जगत में मील के पत्थर साबित होंगे , इसे और समृद्ध बनायेंगे , शुभकामनायें !

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