For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो कहते हैं वतन के ख़्वाब हम मिस्मार कर देंगे( 130 )

वो कहते हैं वतन के ख़्वाब हम मिस्मार कर देंगे
सभी के बीच नफ़रत की खड़ी दीवार कर देंगे
**
सियासत सिर्फ़ चमके एक है उनका यही मक़सद
घरों में दुश्मनों की फौज़ को तय्यार कर देंगे
**
वो ऐसे बीज बोएँगे उगेगी फ़स्ल काँटों की
उन्ही काँटों से फिर हर रास्ता दुश्वार कर देंगे
**
वो इतनी नफ़रतें भी पाल कर क्यों चैन से रहते
सुकूँ इस मुल्क से क्या ख़त्म कुछ मक्कार कर देंगे
**
वतन के वास्ते क्या फ़र्ज़ हैं उससे नहीं वाक़िफ़
मगर हक़ के लिए तक़रीर की बौछार कर देंगे
**
रिआया ने दिया दुत्कार जिनको है चुनावों में
तमन्ना उनकी है जनता को हम लाचार कर देंगे
**
किसी को हक़ नहीं कानून देता है रिआया को
कि रुसवा लोग यूँ आकर सर-ए-बाजार कर देंगे
**
कभी सोचा न था कुछ लोग यूँ औज़ार खेतों के
बदलकर इस तरह से जंग का हथियार कर देंगे
**
कोई कितना ज़ियाँ कर दे इरादा है 'तुरंत' अपना
हम अपनी कोशिशों से फिर वतन गुलज़ार कर देंगे
**
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 606

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on February 19, 2021 at 7:17pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 

जी , आदाब , आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 19, 2021 at 4:52pm

आ. भाई गिरधारी सिंह जी, सादर अभिवादन । अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on February 19, 2021 at 9:29am

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज'  जी , आदाब , आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on February 18, 2021 at 9:48pm

बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल कही है आदरणीय गहलोत जो....तीसरे शे'र पे जरा गौर फरमाएं..सादर।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on February 17, 2021 at 7:31pm

भाई Aazi Tamaam जी , आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | 

Comment by Aazi Tamaam on February 17, 2021 at 4:52pm

सादर प्रणाम जनाब तुरंत जी

बेहद खूबसूरत ग़ज़ल है

बधाई स्वीकार करें........... 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
57 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service