For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मापनी - २१२२ 12 1222 

चाहते हैं मगर नहीं आती

हर ख़ुशी सबके’ घर नहीं आती  

 

दिल में’ थोड़ी सी’ गुदगुदी कर दे  

आजकल वो खबर नहीं आती  

 

मैं इधर जब उदास होता हूँ  

नींद उसको उधर नहीं आती

 

पास जाओ तो’ पैर चूमेगी

दूर तक क्यूँ लहर नहीं आती

 

जिन्दगी से न कोई’ मिल पाता

मौत मिलने अगर नहीं आती

 

आप इज्जत सँभाल कर रखिये

जो गई, लौटकर नहीं आती

 

दर्दे दिल का कमाल है वरना

शाइरी उम्र भर नहीं आती

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 918

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 2, 2018 at 8:07pm
Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 2, 2018 at 8:06pm

आदरणीय समर कबीर जी शुभ संध्या , हमेशा की तरह आपकी कबिलेगौर समीक्षा का हार्दिक स्वागत एवं आभार, सुधार कर पुनः प्रस्तुत करता हूँ , इस्ति तरह स्नेह बनाये रखें, सादर नमन आपको 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 2, 2018 at 8:05pm

आदरणीय narendrasinh chauhan जी सादर नमस्कार , आपकी हौसला अफजाई का बेहद शुक्रिया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 2, 2018 at 8:04pm

आदरणीय TEJ VEER SINGH जी , शुभ संध्या, आपकी हौसलाफजाई को सादर नमन 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on November 2, 2018 at 6:41pm

मतले में गर की क़ैद है.. देखिएगा आ. बसंत जी 
सादर 

Comment by Samar kabeer on November 2, 2018 at 3:30pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,ग़ालिब की ज़मीन में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें।

मतले के दोनों मिसरों में 'गर' क़ाफ़िया हो गया है,ऊला मिसरा यूँ करलें:-

'चाहता हूँ इधर नहीं आती'

Comment by narendrasinh chauhan on November 2, 2018 at 11:50am

जिन्दगी से न कोई मिल पाता

मौत मिलने अगर नहीं आती

खूब सही फ़रमाया 

सुन्दर रचना 

Comment by TEJ VEER SINGH on November 2, 2018 at 10:41am

हार्दिक बधाई आदरणीय बसंत कुमार जी। बेहतरीन गज़ल ।

दर्द दिल में अगर नहीं होता

शायरी उम्र भर नहीं आती

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 2, 2018 at 9:31am

आदरणीया Rakshita Singh जी शुभ प्रभात, आपकी हौसलाअफजाई  का दिल से शुक्रिया 

Comment by रक्षिता सिंह on November 1, 2018 at 7:37pm

आदरणीय बसंत जी  नमस्कार 

बहुत ही सुंदर  प्रस्तुति, हार्दिक बधाई स्वीकार करें। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
19 hours ago
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service