For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देशराज सिंह के बेटे ( लघु- कथा ) --- डॉo विजय शंकर

देशराज सिंह के चार बेटे हुए , उनमें से तीन के नाम हैं , ज्ञान सिंह, वचन सिंह ,करम सिंह ।
ये तीनों जब से अपने हाथ पाँव के हुए एक दूसरे दूर हो गए।
लोग समझते हैं कि वे एक दूसरे से बिलकुल अंजान हो गए जबकि असलियत यह है कि वे तीनों आपस में एक दूसरे की शक्ल ही नहीं देखना चाहते हैं , कभी-कभार का मिलना जुलना तो बहुत दूर की बात. तीनों एक दूसरे से बिलकुल उल्टी दिशा में चलते हैं।
और चौथा ?
चौथा , विवेक सिंह , वो तो हर समय सोया ही रहता है, कभी जागा हो, किसी ने देखा ही नहीं।


मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 17, 2015 at 6:35pm

आदरणीय सुश्री प्रिया मिश्रा जी, लखु -कथा की प्रशस्ति के लिए आभार एवं धन्यवाद,
विलम्ब के लिए खेद है. सादर।

Comment by Priya mishra on May 8, 2015 at 4:36pm
शानदार लघुकथा के लिए बधाई हो सर
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 7, 2015 at 8:25pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपको कथा पसंद आई, बहुत अच्छा लगा , आपकी स्वीकृति रचना का मान बढ़ाती है , आभार, ह्रदय से। आपकी बधाई एवं सद्भभावनाओं के लिए भी धन्यवाद, सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 7, 2015 at 11:58am

क्या बात है , आदरणीय विजय भाई , इंगितों मे बहुत बढिया बात कह दी है आपने , लाजवाब लघुकथा के लिये हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार कीजिये ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 7, 2015 at 11:37am
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, आपको लघु - कथा पसंद आई, आपका बहुत बहुत आभार, आपकी प्रतिक्रिया महत्त्व रखती है, एक अनुभवी , पारखी दृष्टि रखती है, आपकी बधाई एवं सारी शुभकामनाओं के लिए ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद सादर।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 6, 2015 at 10:27pm

आदरणी विजयशंकर जी, ग़ज़ब की लघुकथा हुई है. अभिव्यंजनाएँ अपने पूर्ण उभार पर हैं. इनका प्रभाव चकित कर रहा है. एक सशक्त अभिव्यंजनात्मक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 6, 2015 at 10:19pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्रा जी , आपने रचना को समय दिया।, उसका मान बढ़ाया , आभार , आपकी समस्त सद्भावनाओं के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 6, 2015 at 10:16pm
आदरणीय सुश्री राजेश कुमारी जी , आपने लघु- कथा का सार निकाल कर रख दिया , आभार. . स्नेहा ,शान्ति , संस्कृति जैसी बेटियों को इसमें शामिल करके आपने इसका स्वरुप व् महत्व कई गुना बढ़ा दिया है। बहुत बहुत आभार , आपकी ढेरों सद्भावनांओं के लिए ढेरों धन्यवाद।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 6, 2015 at 10:11pm
प्रिय जीतेन्द्र जी , आपकी पैनी नज़र का आभार , बहुत बहुत धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 6, 2015 at 2:20pm

आदरणीय विजय सर ..चारों बेटों के नाम से आपने बहुत ही शानदार लघु कथा लिखी है ..पहले तो एक बारगी मैं रचना पढ़ गया बिना पात्रों के नाम पर गौर किये और अंत में आकर चौंक सा गया ..लेकिन फिर जब बेटों के नाम पर ध्यान गया तो  आनंद आ गया ..इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
17 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
19 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
20 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
20 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
20 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
20 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service