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वीरेंद्र सहवाग को 100 टेस्ट क्लब में शामिल होने पर बधाई - विधाता (शुद्धगा) छंद पर आधारित

महाराजा, जहाँ चाहे, वहाँ आज्ञा, चलाता है।
खिलाड़ी है, बड़ा वीरू, सदा बल्ला, बताता है।
कभी चौका, कभी छक्का, लगा सौ ये, बनाता है।
मिला मौका, कि गेंदों से, करामातें, दिखाता है॥

किसी के भी, इलाके में, सिंहों जैसा, सही वीरू।
सभी ताले, किले सारे, गिरा देता, यही वीरू।
बिना देरी, विरोधी को, पछाड़े जो, वही वीरू।
डरे-भागे, कभी कोई, लड़ाई से, नहीं वीरू॥

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Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 26, 2012 at 8:40am

आदरणीय रक्ताले सर .......आपकी प्रतिक्रिया अत्यंत उत्साहवर्धक है ......आपका दिल से आभार .........

Comment by Ashok Kumar Raktale on November 25, 2012 at 7:59pm

कभी चौका, कभी छक्का, लगा सौ ये, बनाता है।
मिला मौका, कि गेंदों से, करामातें, दिखाता है॥

वाह! आ. गौरव जी बहुत ही सुन्दर छंद और भाव मजा आगया बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 24, 2012 at 9:42pm

आदरणीय बड़े भैया गणेश जी ........आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ..........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 24, 2012 at 9:41pm

आदरणीय योगी जी ........आपका हार्दिक आभार .........


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 24, 2012 at 8:49pm

अच्छी रचना पर आपको और १०० वां सतक पर सहवाग को बधाई प्रेषित है |

Comment by Yogi Saraswat on November 24, 2012 at 11:18am

bahut bahut badhaai veeru ko bhi aur aapko bhi

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 24, 2012 at 8:25am

thankyou very much shalini ji.....

Comment by shalini kaushik on November 24, 2012 at 12:37am
nice presentation.
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 23, 2012 at 9:38pm

आदरणीय गुरुदेव, आपका दिल से आभार.....उत्साहवर्धन के लिए भी और उपयोगी परामर्श के लिए भी......आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.......


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 23, 2012 at 5:10pm

वाह-वाह ! :-)) 

इस सधी हुई कोशिश पर हृदय से बधाई, भाई अजीतेन्दु जी.

एक बात :

डरे कोई, कभी भी जो, लड़ाई से, नहीं वीरू   =  डरे-भागे, खिलाड़ी वो, कभी दीखा, नहीं वीरू

 

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