For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूर तम में बैठकर वो रोशनी अच्छी लगी- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२१२२/२१२२/२१२२/२१२


मन था सुन्दर तो वदन की हर कमी अच्छी लगी
उस के अधरों  ने  कही  जो  शायरी  अच्छी लगी/१
*
सात जन्मों  के  लिए  वो  बन्धनों  में बँध गये
जिन्दगी के बाद जिनको जिन्दगी अच्छी लगी/२
*
आँख चुँधियाती रही जो पास में अपनी सनम
दूर  तम  में  बैठकर  वो  रोशनी  अच्छी  लगी/३
*
एक  हम  ही  भागते  रंगीनियों  से  दूर  नित
और किसको बोलिए तो सादगी अच्छी लगी/४
*
हाथ में था हाथ उनका दूर तक कोई न था
फिर से बारिश यूँ हमें बेमौसमी अच्छी लगी/५
*
एक सच आँखों में था जो वो नहीं उनको रुचा
आवरण में झूठ  के  हर  बतकही अच्छी लगी/६
*
मन उबा अपना भी साथी जब नगर के शोर से
झील के तट फिर  अकेले  चाँदनी अच्छी लगी/७
*
लोग चर्चा रोज करते दोस्ती की उन से पर
हमको फूलों से हुई जो दुश्मनी अच्छी लगी/८


*
मौलिक/ अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

Views: 486

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 17, 2021 at 8:44pm

आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 17, 2021 at 8:15pm

बढ़िया कहा आदरणीय धामी जी...बधाई

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 10, 2021 at 10:47pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार। 

त्रुटिपूर्ण मिसरे को इस प्रकार देखिएगा सादर-

आँख चुँधियाती रही जो पास था जब तक सनम

Comment by Samar kabeer on December 10, 2021 at 2:29pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

'उस के अधरों  ने  कही  जो  शायरी  अच्छी लगी'

इस मिसरे में 'शायरी' को "शाइरी" लिखना उचित होगा ।

'आँख चुँधियाती रही जो पास में अपनी सनम'

इस मिसरे में 'पास' शब्द के साथ 'में' का प्रयोग उचित नहीं होता,देखियेगा ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 5, 2021 at 10:54pm

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद.

Comment by TEJ VEER SINGH on December 5, 2021 at 12:14pm

हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर जी।बेहतरीन ग़ज़ल।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 4, 2021 at 7:07pm

आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on December 4, 2021 at 6:31pm

जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
16 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
18 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
19 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service