For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Manan Kumar singh's Blog – November 2015 Archive (3)

गजल(मनन)

गजल

2122 2122 2122 2122

हम हुए कब से पराये अब बताना चाहिए भी,

जब हुए थे मनचले हम यह सुनाना चाहिए भी।

चुभ गयी थी चाँदनी तब ओस की इक बूँद बनकर,

हृत्-पटल तब से विखंडित कुछ जुड़ाना चाहिए भी।

खो गये हम थे बहुत उस नेह की सूनी डगर तब,

हैं कहाँ पहुँचे पता अब तो लगाना चाहिए भी।

भूलते हम जा रहे, जाना बहुत,फिर भी कहाँ तक,

रुत नयी नित हो रही कुछ तो अ-जाना चाहिए भी

बादलों-से केश काले कर रहे अठखेलियां जब,

ढक न जाये चाँद अब घूँघट हटाना चाहिए… Continue

Added by Manan Kumar singh on November 10, 2015 at 9:10am — 2 Comments

गजल(मनन)

गजल

2212 2212 2212

कुछ कुछ उठा कर कब्र से लाया गया

बिसरा हुआ संगीत सुनवाया गया ।

मतदान की होते यहाँ पर घोषणा

फिर कुंद वह हथियार चमकाया गया।

देते रहे गाली परस्पर थे बहुत

मिलकर गले उनके लिपट जाया गया।

देते रहे थे घाव अबतक तो वही

फिर से सभी जख्मों को' धुलवाया गया।

कितने अपावन हो गये जो साथ थे

जो था अपावन नेह नहलाया गया।

हम-तुम हमेशा साथ थे आगे रहें

ऐसा अभी फरमान चिपकाया गया।

घर-घर लगायी आग सब सोये रहे

संपर्क कर फिर वर्ग… Continue

Added by Manan Kumar singh on November 4, 2015 at 8:00pm — 14 Comments

गजल(मनन)

गजल

2122 2122 122

जब से'मैं बातें बनाने लगा हूँ,

मैं समझ में खूब आने लगा हूँ।

गालियाँ खायी बयाँ की हकीकत,

झूठ कह अब उनको' भाने लगा हूँ।

आरजू थी वे बुला लेते कभी,

मैं अभी उनके ठिकाने लगा हूँ।

तंग था मैं तंगदिल से निभाते,

ठाँव अब दिल में बनाने लगा हूँ।

तर्ज़ भी तब्दील होगी अभी तो,

बात से अब मैं रिझाने लगा हूँ।

गुत्थियाँ उलझी पड़ी थीं कभी की,

हौले'-से बातें बुझाने लगा हूँ।

हो रहा मैं हूँ अदीबो-मुकम्मिल,

उनके' मन का गीत गाने… Continue

Added by Manan Kumar singh on November 1, 2015 at 10:00pm — 11 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
15 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service