For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किसका बच्चा(लघुकथा)

किसका बच्चा

सँवरी के नाक-नक्श तीखे हैं। मुँह का पानी थोड़ा फीका पड़ा है,तो क्या? उसे दूल्हे के लिए कभी तरसना नहीं पड़ता। चढ़ती जवानी में उसे दिल्ली के दिल वाले दूल्हे का संग मिला। खूब रंगरेलियाँ हुईं।फिर उसे लगा कि उसका दूल्हा किसी और पर फिदा है।स्मृति-पटल पर वे लमहे उभरते, जब उसके हर नाज-नखरे कुबूल होते थे। अब उसे अपने भाव में कमतरी का अहसास हुआ। बिदक गई। दिल्लीवाले को चिढ़ाने के लिए उसने एक ठेंठ भोजपुरिया दूल्हा ढूँढा। उसके संग हो गई।प्यार से उसेठेंठू सरकारकहती।कुछ दिन गुजरे। फिर नए दूल्हे का ठेंठपन उसे खलने लगा। तब उसने दिल्लीवाले दूल्हे से पेंग भिड़ाना शुरू किया। दिल्लीवाला फिर रिझ गया।उसे अब सँवरीदिल्ली सरकारकहने लगी। पुनर्गठबंधन हुआ। कुछ समय चला। फिर टूटा गया। ठेंठू उसे केंचुल बदलनेवाली सर्पिणी कहता है। दिल्लीवाला उसे दबी जुबान से दगाबाज दुल्हन कह कर काम पर लग जाता है।

शादी वगैरह की रेपोर्टिंग करनेवाली खबरनबीश सँवरी से पूछती है,

सँवरी जी, आप फिर से ठेंठू के संग क्यों हो गईं?”

दिल्ली वालासरकारदिल दुखा रहा था।देता कुछ नहीं था। बस ढिंढोरा पीटता कि यह किया,तो वह किया।

पिछली बारठेंठू सरकारका साथ छोड़ने के समय आपने कहा था कि अब कभी उसके साथ नहीं जाएंगी।फिर क्या हुआ?” सवाल हुआ।

वैसा तो मैंनेदिल्ली सरकारका साथ छोड़ने के समय भी कहा था। तो क्या हुआ?’ सँवरी ने छूटते ही सवाल कर दिया।

यह तो आप बताएँगी न कि क्या हुआ?” अखबार वाली ने कुरेदा।

देखिये, यह सब होता रहता है।काम देखिये।सँवरी गुमान से बोली।

काम ही तो दिखता है।ठेंठू सरकारके संग रहते आपके जो बच्चा हुआ, उसे दिल्लीवालेसरकारअपना कहते हैं।खबरनबीश ने सूई चुभोई।

अरे, दिल्लीवाले के संग रहते हुए मेरा जो बच्चा हुआ था, उसेठेंठू सरकारभी तो अपना कहने लगा था।सँवरी ने सधा-सा जवाब दिया।

जय हो सरकार!कहती हुई खबरनबीश चलती बनी।  

"मौलिक एवं अप्रकाशित"                      

Views: 111

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on November 16, 2022 at 9:21pm

आपका हार्दिक आभार आ. लक्ष्मण जी ।नमन।

Comment by
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 16, 2022 at 6:42pm

आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। राजनीति के रंगबाजों की कलई खोलती अच्छी समसामयिक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

PHOOL SINGH posted a blog post

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र थाबौद्ध धर्म का बना अनुयायीजो धर्म-सहिष्णु सम्राट…See More
13 hours ago
मनोरमा जैन पाखी left a comment for मनोरमा जैन पाखी
"धन्यवाद आद. योगराज प्रभाकर सर जी"
Sunday
मनोरमा जैन पाखी updated their profile
Sunday
Manoj Misran is now a member of Open Books Online
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहतर है शुक्रिया आपका अमित जी सादर"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय Mahendra Kumar जी  1. मतला ग़ज़ल का पहला शे'र और सबसे अह्म हिस्सा होता है। उसे…"
Saturday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-153 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
" जी ठीक है हमको फ़ुर्सत ही नहीं कार-ए-जहाँ से जानाँ "आपके मिलने का होगा जिसे अरमाँ…"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय अमित जी एक और प्रयास देखिएगा सादर हमको फ़ुर्सत ही नहीं कार-ए-जहाँ से मिलती "आपके मिलने…"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय महेंद्र जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय अजय जी। सादर।"
Saturday
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, बहुत-बहुत शुक्रिया। संज्ञान ले लिया गया है। सादर।"
Saturday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service