For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

November 2021 Blog Posts (25)

ग़ज़ल - 'आरज़ू' टूटी न उम्मीद से रिश्ता टूटा

वज़्न -2122 1122 1122 22/112

क्यों इसे आब दिया सोच के दरिया टूटा

जब समुंदर के किनारे कोई तिश्ना टूटा

एक साबित क़दम इंसान यूँ तन्हा टूटा

देख कर उसको न टूटे कोई ऐसा टूटा

वस्ल की जिस पे मुकद्दर ने लिखी थी तहरीर

वक़्त की शाख़ से वो क़ीमती लम्हा टूटा

तेरे बिन ज़ीस्त मेरी तुझ-सी ही मुश्किल गुज़री

हिज्र में मुझ पे भी तो ग़म का हिमाला टूटा

कुछ न टूटा मेरे हालात की आँधी में बस

जिसमें तुम थे वही ख़्वाबों…

Continue

Added by Anjuman Mansury 'Arzoo' on November 3, 2021 at 11:22am — 4 Comments

परम चेतना एक (कुछ विचार)

सब धर्मों का सार जो

वह तो केवल एक

बाह्य रूप दिखता अलग

परम चेतना एक

फैलाते भ्रम व्यर्थ ही

जो विवेक से शून्य

वे मतिभ्रष्ट, विवेकहीन

उन्हे चढ़ा अहमन्य

हुए विषमता से परे 

जिन्हे सत्य का बोध

गुण-अवगुण से हो विलग

नित्य बसे मन मोद

प्रकृति और चैतन्य का

आपस का संयोग

उस दर्पण में फलीभूत 

हो ज्ञानी का योग

मौलिक एवं अप्रकाशित

Added by Usha Awasthi on November 3, 2021 at 6:44am — 3 Comments

ग़ज़ल नूर की - ग़ज़लों का आनन्द समझ में आ जाए

ग़ज़लों का आनन्द समझ में आ जाए

काश तुन्हें यह छन्द समझ में आ जाए.

.

संस्कृत से फ़ारस का नाता जान सको

लफ्ज़ अगर गुलकन्द समझ में आ जाए.

.

रस की ला-महदूदी को पहचानों गर

फूलों का मकरन्द समझ में आ जाए.

.

दिल में जन्नत की हसरत जो जाग उठे

हों कितना पाबन्द समझ में आ जाए.

.

भीषण द्वंद्व मैं बाहर का भी जीत ही लूँ

पहले अन्तर-द्वन्द समझ में आ जाए.

.

मन्द बुद्धि का मन्द समझ में आता है

अक्ल-मन्द का मन्द समझ में आ जाए.…

Continue

Added by Nilesh Shevgaonkar on November 1, 2021 at 6:00pm — 8 Comments

"दीप" की ग़ज़ल

122 122 122 122

किसी और की अब जरूरत नहीं है

मगर तुम न कहना मुहब्बत नहीं है

हुई जब से शादी तो फुर्सत नहीं है

रहूंँ मायके में इज़ाज़त नहीं है

मैं मदहोश उनकी ही यादों में रहता

मुझे भूलने की तो आदत नहीं है

सरे आम होते यहां ज़ुर्म रहते

उसे रोकने की भी हिम्मत नहीं है

तुम्हें गर न देखें थमी सांस रहती

अगर मर गया भी तो हैरत नहीं है

फ़कत इश्क़ में अब दिखावा ही दिखता

नये शोहदों में…

Continue

Added by Deepanjali Dubey on November 1, 2021 at 3:00pm — 3 Comments

ग़ज़ल-जय गान पर

2122 2122 2122 212

1

जब भी छाए अब्र मुश्किल के वतन की आन पर

खेले हैं तब तब हमारे तिफ़्ल अपनी जान पर

2

आज़मा ले लाख अपना रौब रुतबा शान पर

हो न पाएगा कभी हावी तू हिन्दुस्तान पर

3

हम नहीं होते परेशाँ धर्म से या ज़ात से

ख़ूँ जले अपना तो झूठे और बेईमान पर

4

माना हैं मतभेद भाषा वेष भूषा धर्म में

फ़ख़्र करते हैं प सब भारत के बढ़ते मान पर

5

एक दिन ऐसा भी "निर्मल" देखना तुम…

Continue

Added by Rachna Bhatia on November 1, 2021 at 11:00am — 5 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

1999

1970

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service