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मनोज अहसास's Blog – September 2021 Archive (1)

अहसास की ग़ज़ल : मनोज अहसास

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बिन मेरे जब दिल तुम्हारा जीने के काबिल हुआ।

देख ले मझधार ही मेरे लिए साहिल हुआ।

जो नहीं है पास अपने उसकी बेचैनी के साथ,

उसको जाया कर दिया है जो हमें हासिल हुआ।

सामने आकर खड़ी हो जाती हैं सूरत कईं,

खुद में खुद को खोजना मेरे लिए मुश्किल हुआ।

कह नहीं पाया मैं अपने दिल की सारी बात पर,

तू मेरी ग़ज़लों में लगभग हर दफा शामिल हुआ।

वेदनाओं के सफर में साथ है तू हर घड़ी,

और तेरा…

Continue

Added by मनोज अहसास on September 2, 2021 at 11:51pm — 3 Comments

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