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Babitagupta's Blog – August 2021 Archive (3)

वक्त से आगे चलने वाली....अमृता प्रीतम

पंजाबी साहित्य की प्रथम कवयित्री, निबंधकार, उपन्यासकार, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त, 1919 गुजरांवाला, पंजाब में हुआ था। अपनी रचनाओं में विभिन्न रूपो मे नारी चित्रण करने वाली अमृता प्रीतम के साहित्य संसार की नारी अपनी स्वतंत्रता के प्रति सजग रह्ती हैं। 

सामाजिक परंपराओं के जाल को काटकर अपना अस्तित्व गढ़ती हैं। हिंदी भाषा में सरलता, सौंदर्यता से अंतर्मन की भावनाओं को पहुंचाने में कामयाब रहीं। गद्य-पद में समान रूप से ख्याति प्राप्त बहुमुखी प्रतिभा की धनी…

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Added by babitagupta on August 31, 2021 at 1:30pm — 1 Comment

सुभद्रा कुमारी चौहान

राष्ट्रीय चेतना की सजग प्रहरी और मणिकर्णिका की वीरता को घर-घर पहुंचाने वाली सुभद्रा कुमारी चौहान की सुप्रसिद्ध कविता झांसी की रानी की पंक्तियाँ

'बुन्देले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी...

'सुप्त जनता के दिलों में आजादी का अलाव जगाने आयी सुभद्रा कुमारी चौहान की ये पंक्तियाँ सुभद्रा जी द्वारा रचित कई कविताओं से ज्यादा ख्याति प्राप्त हैं। 



नौ साल की उम्र में पहली कविता ’नीम’ लिखने वाली सुभद्रा जी का…

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Added by babitagupta on August 16, 2021 at 2:00pm — 4 Comments

आज़ादी में आधी आबादी का योगदान....जंग अभी भी जारी हैं....

आज़ादी में आधी आबादी का योगदान....जंग अभी भी जारी हैं.....

महात्मा गांधी जी ने कहा, आंदोलनों में महिलाओं की भागीदारी के बिना स्वराज्य प्राप्ति असंभव हैं। शारीरिक-मानसिक रूप से कमजोर समझने वाले लोगों के खिलाफ जाकर महिलाओं को राष्ट्रीय आंदोलन की मुख्य धारा से जोड़ा।और महिलाओं ने लोगों के कहने की परवाह किए बिना अपने आपको तौले मानसिक दृढ़ता के दस्तावेज,संघर्ष के संवेदनशील चित्रण पर डर को खारिज करते हुये समय के फलक पर अपनी कहानी लिख दी।पूर्वाग्रही सोच में जकड़े नकारात्मक…

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Added by babitagupta on August 15, 2021 at 12:06am — 1 Comment

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दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
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"हार्दिक आभार आदरणीय "
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
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"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
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